कार बनाने वाली प्रमुख कंपनी मारुति सुजूकी को अब उसके स्टार्टअप इनक्यूबेशन कार्यक्रम का फायदा मिलने लगा है क्योंकि कार विनिर्माता ने इन समाधानों को अपनी प्रणाली में लागू किया है जिससे लागत में बचत हुई है। इस कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित होकर कंपनी अब इनमें से कुछ स्टार्टअप में शेयर हिस्सेदारी हासिल करने की योजना बना रही है।
मारुति सुजूकी के मुख्य सूचना अधिकारी राजेश उप्पल ने कहा, ‘इनमें से कुछ स्टार्टअप ने हमारी कंपनी के लिए अच्छा मूल्य सृजित किया है जिससे लागत में काफी बचत हुई है। यह कंपनी के बाहर नवाचार की पहचान कर उसे लागू करने के हमारे प्रयास का हिस्सा है। इसके तहत हम सभी स्तर पर स्टार्टअप की तलाश करते हैं- वह महज एक विचार के स्तर पर अथवा पूरी तरह परिपक्व स्टार्टअप हो सकता है जिसे वित्त पोषण हासिल हुआ हो और जो विस्तार करना चाहता हो। यदि उनका विचार हमारी कंपनी के लिए उपयुक्त होगा तो हम उन्हें वित्त पोषित करने के लिए तैयार हैं।’ कंपनी ने दो साल पहले जापानी सीड फंड एवं को-क्रिएशन सेंटर जीएचवी ऐक्सेलरेटर के साथ साझेदारी में कॉरपोरेट ऐक्सेलरेटर कार्यक्रम मोबिलिअी ऐंड ऑटोमोबाइल इनोवेशन लैब (एमएआईएल) को लॉन्च किया था। इस कार्यक्रम के तहत कंपनी मोबिलिटी एवं ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उन नवोन्मेषी समाधानों की पहचान करती है जो ग्राहक केंद्रित और भविष्य के लिहाज से उपयुक्त हो। उप्पल ने कहा, ‘हम अपनी जरूरतों के अनुरूप नवाचारों की पहचान करते हैं और उन्हें सामने लाते हैं। हमारे साथ 17 स्टार्टअप पहले से ही काम कर रहे हैं। इनमें से कई कंपनियां तो हमारा नियमित वेंडर बन चुकी हैं। उदाहरण के लिए, किसी खास स्टार्टअप विचार के साथ हम अपने वर्कशॉप की दक्षता को 40 से 50 फीसदी तक बढ़ाने में सफल हुए हैं।’
हाल में कंपनी ने नए जमाने की प्रौद्योगिकी का पता लगाने और विकास चरण के स्टार्टअप को कारोबार बढ़ाने में मदद करने के लिए मोबिलिटी चैलेंज की शुरुआत की है। इस नए कार्यक्रम का अनावरण हैदराबाद की नवाचार बिचौलिया एवं बिजनेस इनक्यूबेटर टी-हब के साथ साझेदारी के तहत किया गया। यह मोबिलिटी चैलेंज स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी की योजनाओं का एक अलग मॉडल है जिसके तहत स्थापित फर्मों का चयन होगा।