देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) घरेलू बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर सी भार्गव ने कहा कि एमएसआई अब ‘पीछे नहीं हटेगी’ और 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी फिर हासिल करने के लिए संघर्ष करेगी।
बता दें कि मारुति देश में अपने परिचालन के 40 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। बीते वित्त वर्ष 2021-22 में मारुति कंपनी की बाजार हिस्सेदारी घटकर 43.38 प्रतिशत रह गई। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी की हिस्सेदारी 51.21 प्रतिशत थी।
छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मारुति का नया मॉडल
घरेलू बाजार में अपना प्रभुत्व फिर से कायम करने के प्रयास के तहत कंपनी की योजना शहरी क्षेत्र के अलावा छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरत को पूरा करने वाले मॉडल उतारने की है। वित्त वर्ष 2018-19 में घरेलू बाजार में यात्री वाहन बिक्री 33,77,436 इकाई थी, जो 2021-22 में घटकर 30,69,499 इकाई रह गई। मारुति सुजुकी ने 2018-19 में अपनी अबतक की सबसे अधिक सालाना बिक्री 17,29,826 इकाइयों की हासिल की थी। उस समय कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 51.21 थी। यह 2021-22 में घटकर 43.38 प्रतिशत या13,31,558 इकाई रह गई।
“पीछे हटने का इरादा नहीं है”: भार्गव
भार्गव ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम अपनी 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी वापस पाने के लिए संघर्ष करेंगे। हम कितना सफल होते हैं, यह तो समय ही बताएगा लेकिन निश्चित रूप से हमारा पीछे हटने का इरादा नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) या किसी अन्य ‘बॉडी स्टाइल’ का मॉडल पेश करेंगे।
भार्गव ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारतीय ग्राहक का मारुति ब्रांड पर बहुत भरोसा है और हम उसके इस विश्वास बनाए रखने के लिए काम करेंगे।’’ भार्गव ने कहा कि घरेलू बाजार ‘भारत’ (कम मूल्य के वाहन) और ‘इंडिया’ (महंगे उत्पाद) में बंटा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चत करना है कि बाजार में दोनों खंडों के लिए हमारे उत्पाद हों।’’
