काइनेटिक ग्रीन हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सस्ती इंजीनियरिंग मॉडल की राह पर आगे बढऩे की योजना बना रही है। कंपनी ने इलेक्ट्रिक तिपहिया से अपनी शुरुआत की थी और बाद में गोल्फ कार्ट एवं दोपहिया वाहनों को भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया था।
काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी सुलाजा फिरोदिया मोटवानी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को पसंद कर रहे हैं क्योंकि ये पर्यावरण के लिए अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों की स्थानीयकरण योजनाएं प्रभावित हुई हैं क्योंकि वे फिलहाल अपने कारोबार को बचाने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी कंपनी ने स्थानीयकरण किया है क्योंकि हमारे पास विशेषज्ञता और अपने संयंत्र मौजूद हैं। लेकिन कई अन्य कंपनियां अपनी स्थानीयकरण योजनाओं को पूरा नहीं कर पाई हैं।’
मोटवानी के अनुसार, ग्रीन एजेंडे के साथ लागत संबंधी फायदे और प्रौद्योगिकी ढांचे के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य उज्ज्वल है। हालांकि उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारतीय दृष्टिकोण में अंतर का हवाला देते हुए कहा कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका के विपरीत है क्योंकि अमेरिका में टेस्ला इस क्षेत्र में काफी आगे है। भारत में 85 फीसदी लोग दोपहिया, तिपहिया और बसों में सफर करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां 10 से 15 फीसदी लोग ही कार खरीद सकते हैं। मोटवानी ने कहा, ‘सरकार ने सार्वजनिक परिवहन, तिपहिया और दोपहिया वाहनों के विद्युतिकरण का सही फैसला लिया है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों का फायदा न केवल पूरे समाज को मिलेगा बल्कि उससे प्रदूषण भी कम होंगे। सबसे अहम बात यह है कि इससे परिवहन की लागत भी कम होगी। हमारे जैसे विकासशील देश के लिए सार्वजनिक परिवहन का विद्युतीकरण करना बिल्कुल उपयुक्त है।’
मोटवानी के अनुसार, इस श्रेणी में विद्युतीकरण पर जोर देने का एक अन्य फायदा है। चूंकि शहर के भीतर दोपहिया और तिपहिया वाहनों का परिचालन होता है और इसलिए उन्हें ज्यादा चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं है। उन्हें एक बार चार्ज किया जा सकता है और फिर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘यदि आप इस श्रेणी का विद्युतीकरण करेंगे आप एक पैमाना निर्धारित करेंगे जो चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद करेगा। इससे अगले चरण के विद्युतीकरण की शुरुआत होगी जो कार है। इसलिए यह विद्युतीकरण की एक दिशा है जो भारत में स्पष्ट रूप से विकसित हो रही है।’ पिछले कुछ वर्षों में करीब 350 करोड़ रुपये कमाने के बाद कंपनी की नजर 2021-22 में 200 करोड़ रुपये के राजस्व पर रहेगी।
कंपनी हाईएंड गोल्फ कार्ट और लैम्बोर्गिनी परिवार संग ऑफ-रोड इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ वैश्विक बाजार की ओर रुख करेगी। लैम्बोर्गिनी काइनेटिक ग्रीन के मौजूदा आरऐंडडी और अहमदनगर के विनिर्माण संयंत्र का फायदा उठाएगी। इस संयुक्त उद्यम की नजर अगले चार से पांच वर्षों में 500 करोड़ रुपये के राजस्व पर है।