टाटा की लखटकिया कार नैनो के लॉन्च के साथ ही पुरानी कारों के बाजार में हड़कंप मच गया है। सबसे ज्यादा मार सेकंड हैंड बाजार में छोटी कारों पर पड़ने की आशंका है।
डीलरों का कहना है कि पुरानी कारों की बिक्री में ठहराव सा आ गया है, जबकि इनकी कीमतों में करीबन 20 फीसदी की गिरावट आई है। यही नहीं, अगले एक-दो महीनों में इन कारों की कीमतों में अभी और लगभग 25-30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
सबसे अधिक मारुति 800, हुंडई सैंट्रो, मारुति जेन जैसी कारों का बाजार प्रभावित हुआ है। डीलरों के मुताबिक, पुरानी कारों के बाजार में मारुति 800, ऑल्टो, सैंट्रो, जेन और स्पार्क जैसी छोटी कारों की बिक्री फिलहाल लगभग ठप पड़ गई है।
मुंबई में पुरानी कारों के सबसे बड़े विक्रेता पॉपुलर्स कार बाजार के प्रबंध निदेशक राज सेठी कहते हैं कि चारों तरफ नैनो की चर्चा हो रही है। ऐसे में कम बजट की छोटी कारों के खरीदार नैनो को देखने के बाद ही खरीदारी करने का निर्णय लेना चाहते हैं। शायद इसीलिए लोग फिलहाल पुरानी कार खरीदने से बच रहे हैं।
पुरानी कारों के मालिकों को भी इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं नैनो के आने से उनकी कार खड़ी न रह जाए, इसीलिए खरीदारों को आकर्षित करने के लिए कीमतों में कमी की जा रही है। इस समय सेकंड हैंड मारुति 800 की कीमत 75 हजार से एक लाख रुपये, ऑल्टो 1.25-1.50 लाख रुपये और जेन 1.0-1.25 लाख रुपये आंकी जा रही है।
खरीदारों की कमी और नैनो की धमक को देखते हुए सेठी कहते हैं कि बड़ी और महंगी कारों की कीमतों में तो खास फर्क नहीं पड़ने वाला है, लेकिन छोटी कारों की कीमतों में एक दो महीने में ही लगभग 25 से 30 फीसदी तक की कमी हो सकती है।
पुराने बाजार में उपलब्ध छोटी कारों की माइलेज क्षमता 10 से 16 लीटर प्रति किलोमीटर है, जबकि नैनो की लॉचिंग के समय टाटा ने दावा किया है कि नैनो एक लीटर में 23 किलोमीटर तक जाएगी। पुरानी कारों में सबसे ज्यादा परेशानी रख-रखाव की रहती है, ऐसे में लोगों को लग रहा है कि नैनो लेने के बाद डेढ़ साल तक तो कंपनी की वारंटी ही है।
फोर्ट प्वाइंट ऑटोमोटिव (कार) प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार बाफना कहते हैं कि पुराने कार बाजार में भी नैनो छोटी कारों को तो प्रभावित कर सकती है, लेकिन बड़ी कारों के बाजार में इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। लोगों में उत्सुकता है, इसलिए लोग नैनो को देखना चाहते हैं, इसीलिए पुरानी कारों की बिक्री में कमी बताई जा रही है।
दूसरी बात की पुरानी कारों का बाजार संगठित नहीं है, इसलिए कीमत और बिक्री में कितनी कमी हुई है, यह सही सही कह पाना संभव नहीं है। फिलहाल जुलाई तक तो पुरानी कारों की बिक्री में सुस्ती जरूर रहेगी।