facebookmetapixel
अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदी

पुरानी कार बाजार की आंखों के सामने अंधेरा

Last Updated- December 10, 2022 | 9:19 PM IST

टाटा की लखटकिया कार नैनो के लॉन्च के साथ ही पुरानी कारों के बाजार में हड़कंप मच गया है। सबसे ज्यादा मार सेकंड हैंड बाजार में छोटी कारों पर पड़ने की आशंका है।
डीलरों का कहना है कि पुरानी कारों की बिक्री में ठहराव सा आ गया है, जबकि इनकी कीमतों में करीबन 20 फीसदी की गिरावट आई है। यही नहीं, अगले एक-दो महीनों में इन कारों की कीमतों में अभी और लगभग 25-30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
सबसे अधिक मारुति 800, हुंडई सैंट्रो, मारुति जेन जैसी कारों का बाजार प्रभावित हुआ है। डीलरों के मुताबिक, पुरानी कारों के बाजार में मारुति 800, ऑल्टो, सैंट्रो, जेन और स्पार्क जैसी छोटी कारों की बिक्री फिलहाल लगभग ठप पड़ गई है।
मुंबई में पुरानी कारों के सबसे बड़े विक्रेता पॉपुलर्स कार बाजार के प्रबंध निदेशक राज सेठी कहते हैं कि चारों तरफ नैनो की चर्चा हो रही है। ऐसे में कम बजट की छोटी कारों के खरीदार नैनो को देखने के बाद ही खरीदारी करने का निर्णय लेना चाहते हैं। शायद इसीलिए लोग फिलहाल पुरानी कार खरीदने से बच रहे हैं।
पुरानी कारों के मालिकों को भी इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं नैनो के आने से उनकी कार खड़ी न रह जाए, इसीलिए खरीदारों को आकर्षित करने के लिए कीमतों में कमी की जा रही है। इस समय सेकंड हैंड मारुति 800 की कीमत 75 हजार से एक लाख रुपये, ऑल्टो 1.25-1.50 लाख रुपये और जेन 1.0-1.25 लाख रुपये आंकी जा रही है।
खरीदारों की कमी और नैनो की धमक को देखते हुए सेठी कहते हैं कि बड़ी और महंगी कारों की कीमतों में तो खास फर्क नहीं पड़ने वाला है, लेकिन छोटी कारों की कीमतों में एक दो महीने में ही लगभग 25 से 30 फीसदी तक की कमी हो सकती है।
पुराने बाजार में उपलब्ध छोटी कारों की माइलेज क्षमता 10 से 16 लीटर प्रति किलोमीटर है, जबकि नैनो की लॉचिंग के समय टाटा ने दावा किया है कि नैनो एक लीटर में 23 किलोमीटर तक जाएगी। पुरानी कारों में सबसे ज्यादा परेशानी रख-रखाव की रहती है, ऐसे में लोगों को लग रहा है कि नैनो लेने के बाद डेढ़ साल तक तो कंपनी की वारंटी ही है।
फोर्ट प्वाइंट ऑटोमोटिव (कार) प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार बाफना कहते हैं कि पुराने कार बाजार में भी नैनो छोटी कारों को तो प्रभावित कर सकती है, लेकिन बड़ी कारों के बाजार में इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। लोगों में उत्सुकता है, इसलिए लोग नैनो को देखना चाहते हैं, इसीलिए पुरानी कारों की बिक्री में कमी बताई जा रही है।
दूसरी बात की पुरानी कारों का बाजार संगठित नहीं है, इसलिए कीमत और बिक्री में कितनी कमी हुई है, यह सही सही कह पाना संभव नहीं है। फिलहाल जुलाई तक तो पुरानी कारों की बिक्री में सुस्ती जरूर रहेगी।

First Published - March 25, 2009 | 11:46 AM IST

संबंधित पोस्ट