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होंडा की रफ्तार को बड़ा झटका

Last Updated- December 12, 2022 | 10:36 AM IST

पिछले साल होंडा ने करीब 6 वर्ष बाद अपनी लोकप्रिय सिडैन सिविक को पुन: पेश किया। जापानी कार निर्माता की भारतीय सहायक इकाई में बिक्री और विपणन के प्रमुख राजेश गोयल ने कहा था कि इस मॉडल के साथ साथ कॉम्पैक्ट सिडैन अमेज और एसयूवी सीआर-वी मंदी वाले वर्ष में अपने प्रतिस्पर्धियों की वृद्घि दर को मात देंगे।
इसके बाद महामारी फैल गई और दो महीने के लॉकडाउन से भारतीय वाहन निर्माताओं के लिए हालात बदतर हो गए थे। होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा में अपना कारखाना बंद करने और भारत में सिविक तथा सीआर-वी का उत्पादन बंद करने की घोषणा की। वाहन कंपनी ने कहा कि वर्ष 1997 में अस्तित्व में आए इस संयंत्र में उत्पादन बंद करने का निर्णय विनिर्माण गतिविधियों को पुनर्गठित करने के प्रयास का हिस्सा है। ग्रेटर नोएडा कारखाना बंद होने के साथ एचसीआईएल का देश में सीआर-वी और सिविक मॉडल का उत्पादन भी थम गया है। दोनों मॉडल का विनिर्माण इसी कारखाने में हो रहा था।     
एचसीआईएल ने कहा, ‘उत्पादन और आपूर्ति शृंखला की क्षमता का लाभ उठाकर परिचालन को टिकाऊ  बनाने के लिए कंपनी ने घरेलू बिक्री तथा निर्यात को लेकर राजस्थान के टापुकारा में तत्काल प्रभाव से वाहनों और कलपुर्जों के लिए विनिर्माण गतिविधियों को सुदृढ़ करने का निर्णय किया है।’ बयान में कहा गया है कि मुख्य कार्यालय के कार्य, वाहन, दोपहिया वाहनों के लिए देश में अनुसंधान एवं विकास केंद्र तथा कलपुर्जों से जुड़े कार्य ग्रेटर नोएडा से पहले की तरह चलते रहेंगे।
एचसीआईएल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी गाकु नाकानिसी ने कहा कि पिछले तीन महीनों से बिक्री में तेजी के बावजूद, कुल मिलाकर उद्योग के लिए मौजूदा बाजार स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। कोविड-19 प्रभाव ने हमें अपनी स्थिति सुदृढ़ करने के लिए मजबूर किया है। और इसे हासिल करने के लिए एचसीआईएल ने टापुकारा कारखने को एकीकृत बनाकर विनिर्माण गतिविधियों को मजबूत बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी का भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर भरोसा बना हुआ है और बाजार के तेजी से पटरी पर आने की उम्मीद है।      
नाकानिसी ने कहा, ‘भारत होंडा की वैश्विक रणनीति के तहत एक महत्त्वपूर्ण बाजार है और एचसीआईएल भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहन समेत अपनी सबसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाला मॉडल लाने को लेकर भी प्रतिबद्ध है।’ ग्रेटर नोएडा संयंत्र की स्थापित उत्पादन क्षमता एक लाख इकाई सालाना है। दूसरी तरफ, टापुकारा कारखाने की क्षमता 1.8 लाख वाहन सालाना है। राजस्थान स्थित इस कारखाने में करीब 5,500 कर्मचारी काम करते हैं।

First Published - December 23, 2020 | 11:35 PM IST

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