बजाज ऑटो ने अपनी लाभांश वितरण नीति में संशोधन किया है क्योंकि वह अपने शेयरधारकों को फायदा देने और रिटर्न अनुपात को बेहतर करना चाहती है। पुणे की कंपनी ने आज स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा है कि संशोधित नीति कंपनी के तहत कर बाद मुनाफा के प्रतिशत के रूप में लाभांश भुगतान की गणना करते समय कंपनी अधिशेष पर भी विचार करेगी।
कंपनी ने अपने खुलासे में कहा है, ‘बोर्ड कंपनी के पास उपलब्ध अधिशेष फंड को ध्यान में रखते हुए कंपनी के एकल वित्तीय नतीजे में कर बाद मुनाफे के प्रतिशत के रूप में लाभांश भुगतान पर विचार करेगा जो इस नीति के कैविएट के अधीन होगा।’
रिलायंस सिक्योरिटीज के अनुसंधान प्रमुख मितुल शाह ने कहा कि शेयरधारकों के लिए यह एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा, ‘इन बदलावों के कारण शेयरधारकों को अधिक लाभांश मिलने की संभावना है। यह कंपनी के नकदी भंडार को कम करेगा और रिटर्न अनुपात को बढ़ावा देगा।’
बजाज उन चुनिंदा वाहन कंपनियों में शामिल है जिनके पास पर्याप्त नकदी एवं नकदी समतुल्य परिसंपत्तियां मौजूद हैं। कैपिटालाइन के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 के अंत में बजाज ऑटो के पास 13,972 करोड़ रुपये की नकदी एवं नकदी समतुल्य परिसंपत्तियां मौजूद थीं। वित्त वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 16741 करोड़ रुपये का और वित्त वर्ष 2018 में 11,938 करोड़ रुपये का था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 में कुल 3,472 करोड़ रुपये का लाभांश भुगतान किया।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा है कि इस मद के लिए अधिशेष फंड में समूह की कंपनियों के इक्विटी शेयरों के अलावा वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश और रणनीतिक निवेश शामिल हैं।
यदि बजाज ऑटो के पास 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा (लाभांश वितरण से पहले) का अधिशेष रकम है तो लाभांश भुगतान 90 फीसदी तक हो जाएगा। लेकिन यदि उसके पास अधिशेष मद में 7,500 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 15,000 करोड़ रुपये से कम रकम है तो लाभांश भुगतान 70 फीसदी तक हो जाएगा। इसी प्रकार यदि अधिशेष मद में रकम 7,500 करोड़ रुपये से कम है तो लाभांश भुगतान भुगतान 50 फीसदी तक होगा।
बजाज ऑटो का शेयर व्यापक बाजार में सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इस साल अब तक कंपनी का शेयर 76.6 फीसदी (3,575.5 रुपये) चढ़ चुका है जबकि बीएसई सेंसेक्स में महज 69 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। हालांकि वाहन सूचकांक के मुकाबले इसका प्रदर्शन कमजोर रहा। समान अवधि में वाहन सूचकांक में 113.5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
