facebookmetapixel
AI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट‘2025 भारत के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धियों का वर्ष रहा’, मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदीकोल इंडिया की सभी सब्सिडियरी कंपनियां 2030 तक होंगी लिस्टेड, प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया निर्देशभारत में डायग्नॉस्टिक्स इंडस्ट्री के विस्तार में जबरदस्त तेजी, नई लैब और सेंटरों में हो रहा बड़ा निवेशजवाहर लाल नेहरू पोर्ट अपनी अधिकतम सीमा पर पहुंचेगा, क्षमता बढ़कर 1.2 करोड़ TEU होगीFDI लक्ष्य चूकने पर भारत बनाएगा निगरानी समिति, न्यूजीलैंड को मिल सकती है राहतपारेषण परिसंपत्तियों से फंड जुटाने को लेकर राज्यों की चिंता दूर करने में जुटी केंद्र सरकार2025 में AI में हुआ भारी निवेश, लेकिन अब तक ठोस मुनाफा नहीं; उत्साह और असर के बीच बड़ा अंतरवाहन उद्योग साल 2025 को रिकॉर्ड बिक्री के साथ करेगा विदा, कुल बिक्री 2.8 करोड़ के पारमुंबई एयरपोर्ट पर 10 महीने तक कार्गो उड़ान बंद करने का प्रस्वाव, निर्यात में आ सकता है बड़ा संकट

महामारी में गिरी ऐंबुलेंस की बिक्री

Last Updated- December 12, 2022 | 3:21 AM IST

इस वैश्विक महामारी के दौरान हालांकि ऐंबुलेंस की मांग में काफी तेजी से इजाफा हुआ, लेकिन वाहन पंजीकरण के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इसकी आपूर्ति में बढ़ोतरी नहीं हुई। मार्च 2020 के बाद ऐंबुलेंस की बिक्री में गिरावट आई, जब कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए देश में पहली बार लॉकडाउन हुआ।
सरकार वाहनों के संबंध में उनका पंजीकरण किए जाने के आंकड़े उपलब्ध कराती है और बिक्री के आंकड़े सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) की तरफ से आते हैं। हालांकि बिक्री और पंजीकरण की संख्या में कुछ अंतर होता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सायम की बिक्री के आंकड़े डीलरों को बेचे गए वाहनों (या थोक आंकड़ों) पर आधारित होते हैं। कई बार जब स्टॉक में कमी आती है, तो डीलर उसमें वाहन जोड़ लेते हैं। उदाहरण के लिए, कहा जाता है कि अप्रैल में ऐसा हुआ है। यह सायम के आंकड़ों में तो दिखाया जाएगा, लेकिन जब तक कोई खुदरा खरीदार वाहन की खरीद नहीं करता और उसे पंजीकृत नहीं करता, तब तक पंजीकरण में यह नजर नहीं आएगा। हाल के दिनों में बिक्री और पंजीकरण में यह अंतर आम तौर पर और ज्यादा हो गया है, जैसा कि यात्री वाहनों के मामले में भी देखा जा सकता है।
विश्लेषक बताते हैं कि लॉकडाउन ने पंजीकरण को मुश्किल बना दिया है। लेकिन केवल पंजीकरण ही दोषी है। निर्यात के मुकाबले घरेलू बिक्री में निश्चित रूप से मंदी है, जो अपेक्षाकृत लचीला रहा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करने वाले उद्योग के अधिकारियों के अनुसार घरेलू मांग में कमी ही वह चीज रही, जिसका असर अंतत: ऐंबुलेंस की बिक्री में दिखाई दिया है। लॉकडाउन की वजह से डीलरशिप और सड़क परिवहन कार्यालय (आरटीओ) बंद थे। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा कि बिक्री में गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक कारण यह है। ऐंबुलेंस बनाने वाली कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि महामारी के दौरान सरकारी ऑर्डर कम रहे।
इंडियन फाउंडेशन ट्रांसपोर्ट रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग के वरिष्ठ फेलो एसपी सिंह कहते हैं कि महामारी के दौरान जरूरत पूरी करने के लिए मौजूदा वैनों और मिनी बसों को ऐंबुलेंस में तब्दील कर दिया गया था।

First Published - June 24, 2021 | 11:50 PM IST

संबंधित पोस्ट