प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन इंडिया अपने डिलिवरी नेटवर्क के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों पर निर्भरता घटाने के लिए अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है।
ई-कॉमर्स कंपनी अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने के लिए महिंद्रा इलेक्ट्रिक के साथ पहले से ही काम कर रही है। अब कंपनी ने कहा है कि वह अपने बड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ाने के लिए हीरो इलेक्ट्रिक एवं ईवेज जैसे स्टार्टअप के साथ भी तालमेल बिठा रही है। इसका उद्देश्य ग्राहकों के ऑर्डरों के लिए स्थायी डिलिवरी सुनिश्चित करना है।
एमेजॉन इंडिया के डिलिवरी सेवा पार्टनर देश के 20 शहरों में विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग पहले से ही कर रहे हैं। इनमें दिल्ली एनसीआर, बेंगलूरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर, भोपाल, इंदौर और कोयम्बटूर शामिल हैं।
केंद्रीय एमएसएमई, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एमेजॉन के एक प्रमुख कार्यक्रम संभव में कहा, ‘हम भारत की आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और ऐसे में हमें हरेभरे और टिकाऊ भारत के लिए सामूहिक प्रयास करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं एमेजॉन को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि उसने पेरिस समझौते से 10 साल पहले अपने पूरे कारोबार में शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्धता जताई है।’
गडकरी ने कहा कि एमेजॉन का महिंद्रा इलेक्ट्रिक, हीरो इलेक्ट्रिक और ईवेज जैसी भारतीय ओईएम के साथ यह तालमेल एक स्वागतयोग्य कदम है। यह ई-मोबाइल उद्योग में भारत की उल्लेखनीय प्रगति की पुष्टि करता है। इस सहयोगात्मक प्रयास से एमेजॉन इंडिया को 2025 तक अपने डिलिवरी बेड़े में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर 1 लाख वाहनों इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने बड़े में शामिल करने की प्रतिबद्धता जताई है और यह पहल उसके अतिरिक्त है।
एमेजॉन इंडिया के उपाध्यक्ष (फुलफिलमेंट सेंटर एवं आपूर्ति शृंखल परिचालन) प्रकाश कुमार दत्ता ने कहा, ‘एमेजॉन इंडिया में हम एक ऐसी आपूर्ति शृंखला तैयार करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं जो ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल हो।’ उन्होंने कहा कि ये इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण संबंधी हमारे लक्ष्य को हासिल करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएंगे। साथ ही आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी इसकी अहम भूमिका होगी।