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देश में पर्याप्त टीके का भंडार मौजूद?

Last Updated- December 11, 2022 | 10:37 PM IST

देश में 15 साल या इससे अधिक उम्र के बच्चों को टीकाकरण देने की शुरुआत जल्द ही होने जा रही है और इसके अलावा 10 जनवरी से देश में बुजुर्ग आबादी के एक वर्ग को तीसरा टीका लगाने की शुरुआत भी हो जाएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या अब हमारे पास टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने के लिए देश में पर्याप्त टीके हैं?
सामान्य गणना से पता चलता है कि भारत में मोटे तौर पर कोविड-19 टीकों की 68 करोड़ से अधिक खुराक है जिसमें से मुख्य रूप से कोविशील्ड की खुराक है। इसमें 26 दिसंबर तक राज्यों के पास बिना इस्तेमाल वाली 17.9 करोड़ खुराक भी शामिल है और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ  इंडिया (एसआईआई) के पुणे संयंत्र में 50 करोड़ खुराक का भंडार भी शामिल है। 3 जनवरी से 15 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण की अनुमति है। करीब 12-18 वर्ष के बीच के लगभग 12 करोड़ बच्चे हैं जबकि 18 साल से कम उम्र के कुल 40 करोड़ बच्चे हैं। इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किशोरों (15-18 वर्ष) के टीके की मांग 7-8 करोड़ से कम होगी।
जहां तक बुजुर्गों को ‘एहतियातन टीके’ दिए जाने की बात है तो अन्य बीमारियों से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग लोग भी पात्र हैं। भारत में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार देश में बुजुर्गों की आबादी (60 साल से ऊपर) 2021 में 13.8 करोड़ है। अगर हम इस आबादी के 50 प्रतिशत पर भी विचार करते हैं जिन्हें गंभीर रूप से कुछ बीमारी है तो इनमें से एक-तिहाई कोविड-19 टीके के पात्र हैं और यह संख्या मोटे तौर पर 7 करोड़ या इससे अधिक हो जाती है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक साथ 14 करोड़ खुराक की अतिरिक्त मांग होगी। इसमें से, बच्चों को केवल कोवैक्सीन (जायकोव-डी नहीं) दी जाएगी जबकि बुजुर्गों को कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक वी या जायकोव-डी दी जा सकती है। सरकारी सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को संकेत दिया कि दूसरी खुराक और बुजुर्गों के लिए अतिरिक्त खुराक के बीच का अंतर कम से 9 महीने होने की संभावना है। इसलिए, मांग धीरे-धीरे बढ़ेगी क्योंकि तब अधिक लोग पात्र होंगे। बुजुर्गों के लिए टीकाकरण की शुरुआत इस साल मार्च में शुरू हुई थी। कंपनी ने कहा, ‘हम भारत बायोटेक और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी (डीआरएल) के पास पड़े क्रमश: कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी के स्टॉक के बारे में नहीं जानते हैं। हालांकि, भारत बायोटेक जनवरी से एकमहीने में 8 करोड़ खुराक के एक बैच की शुरुआत कर रहा है जो मार्च-अप्रैल तक बाजार में उपलब्ध होगा। हम जल्द ही एक महीने में करीब 8 करोड़ खुराक बनाने के लिए अपने बैच की शुरुआत कर देंगे।’ मार्च-अप्रैल के करीब बाजार में इसकी आपूर्ति होनी शुरू हो जाएगी। भारत बायोटेक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कोवैक्सीन बनाने में 90 दिन या इससे थोड़े अधिक दिन लगते हैं और फिर संयंत्र में गुणवत्ता की जांच होती है जिसके बाद सरकारी प्रयोगशालाओं द्वारा प्रमाणन के बाद टीके बाजार में जारी किए जाते हैं।’
जायडस कैडिला के डीएनए प्लाज्मिड टीका, जायकोव-डी को अभी लॉन्च किया जाना है जिससे टीके की आपूर्ति बढऩे की उम्मीद है। जायडस कैडिला के प्रबंध निदेशक (एमडी) शर्विल पटेल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी की साझेदार, शिल्पा मेडिकेयर जनवरी से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करेगी और कंपनी फरवरी-मार्च से 1 करोड़ मासिक खुराक की आपूर्ति कर सकेगी। इस बीच, एसआईआई बड़ी तादाद में कोविशील्ड खुराक का उत्पादन करने से पहले प्रतीक्षा का रुख अपना रही है। कंपनी ने अपने टीके की कम मांग के चलते उत्पादन में आधी कटौती की है। कंपनी के पास 50 करोड़ खुराक का स्टॉक है जिसमें से 50 प्रतिशत थोक स्वरूप में है जिसे एक या महीने में तैयार फॉम्र्यूलेशन में बदला जा सकता है। कंपनी के पास अपनी साइट पर 60-70 करोड़ खुराक स्टोर करने की क्षमता है और इसी वजह से यह एक महीने में केवल 12-12.5 करोड़ खुराक बना रही है जबकि पहले यह 25 करोड़ खुराक मासिक आधार पर बना रही थी।
एसआईआई ने कहा कि जब तक सरकार की तरफ  से कोई सूचना नहीं मिलती है तब तक वह उत्पादन बढ़ाने की योजनाओं पर टिप्पणी नहीं कर सकती है। केंद्र, आने वाले हफ्तों में बच्चों और बुजुर्गों के टीकाकरण के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकती है। मांग का निर्धारण करने में अहम भूमिका निभाने वाला कारक यह है कि क्या सरकार बुजुर्गों के लिए अतिरिक्त टीके के लिए मिलान वाले टीके का विकल्प चुनेगी। विशेषज्ञों की राय यह है कि टीके की खुराक मिलाने से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के बेहतर नतीजे दिख सकते हैं। हालांकि, पिछले हफ्ते एस्ट्राजेनेका ने कहा कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड  कोविड-19 टीका का तीसरा बूस्टर टीका वैक्सजेवरिया कोरोनावायरस के ओमीक्रोन संस्करण से बचाव में एंटीबॉडी के स्तर को काफी बढ़ा देता है।
इसके अलावा जल्द ही बाजार में अधिक टीके आने की उम्मीद है जिसमें कोवोवैक्स (एसआईआई), कोर्बेवैक्स (बायोलॉजिकल ई), इंट्रा-नैजल टीका बीबीवी154 (भारत बायोटेक) शामिल है। बायोलॉजिकल ई में सालाना कोर्बेवैक्स की एक अरब खुराक बनाने की क्षमता है लेकिन टीके को अभी मंजूरी नहीं मिली है। जॉनसन ऐंड जॉनसन (जेऐंडजे) टीके के लिए हर साल 60 करोड़ खुराक बनाने की क्षमता है जिसके लिए बायोलॉजिकल ई ने विनिर्माण का अनुबंध किया है। हालांकि जेऐंडजे क्षतिपूर्ति से संबंधित कानूनी मुद्दों पर भारत सरकार के साथ विचार-विमर्श में लगा है। भारत बायोटेक का लक्ष्य बीबीवी154 की 8 करोड़ खुराक प्रतिमाह या 1 अरब वार्षिक खुराक बनाने का है जो कि अब क्लीनिकल परीक्षण में शामिल है।

First Published - December 26, 2021 | 11:31 PM IST

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