अतुल रस्तोगी क्लर्कों को भविष्य के बदलाव के रूप में सोचना पसंद करेंगे। एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस के मुख्य एक्चुअरी एवं मुख्य अंडरराइटिंग अधिकारी अतुल रस्तोगी का कहना है, ‘एक्चुअरियल मॉडल तेजी से डिजिटल हो रहे हैं, और संबंधित डेटा की मात्रा काफी व्यापक है।’
वह कहते हैं, ‘बीमा लगातार प्रोत्साहित किया जाने वाला क्षेत्र है। यही वजह है कि इसमें कोई केंद्रीय डेटाबेस नहीं है। माइक्रो-सेगमेंट निर्माण की राह में बड़ी चुनौती है।’
वह एसएएस के साथ मिलकर आयोजित किए गए बिजनेस स्टैंडर्ड के वेबिनार में शामिल हुए थे। इस वेबिनार का विषय था – ‘डिजिटल बदलाव: क्लर्कों और बाबुओं का रूपांतरण’। पैनल में अन्य लोगों में शामिल थे – आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस में मुख्य एक्चुरियल प्रसून सरकार, टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी दीपक नायर, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस में अपॉइंटेड एक्चुअरी गौरव मल्होत्रा, और एसएएस एपीएसी में एक्चुरियल ट्रांसफॉर्मेशन के वरिष्ठ सलाहकार शरद बाजला। इस चर्चा को बिजनेस स्टैंडर्ड के कंसल्टिंग एडिटर तमल बंद्योपाध्याय द्वाा संचालित किया गया था।
इस वेबिनार में जिस मुख्य पहलू पर चर्चा हुई, वह था ‘सूचनाओं का ज्यादा बोझ’, हालांकि इसे इस तरह से व्यक्त नहीं किया गया था। उदाहरण के लिए, यूरोपीय आयोग का मानना है कि वर्ष 2025 तक दुनिया में डेटा की मात्रा बढ़कर 175 जेटाबाइट्स हो जाने का अनुमान है, जो तीन साल पहले महज 33 जेटाबाइट्स था।
यूरोपीय इंश्योरेंस ऐंड ऑक्यूपेशनल पेंशंस अथॉरिटी ने ‘बिग डेटा एनालिटिक्स इन मोटर ऐंड हेल्थ इंश्योरेंस’ पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि पूरी बीमा वैल्यू चेन में डेटा-केंद्रित बिजनेस मॉडलों में तेजी का मजबूत रुझान है। डेमोग्राफिक डेटा या एक्सपोजर डेटा जैसे पारंपरिक डेटा स्रोत ऑनलाइन या टेलीमैटिक्स-डेटा जैसे नए स्रोतों के साथ तेजी से समेकित हो रहे हैं।
सरकार ने ‘प्रोफाइलिंग कार-ऑनर्स’ और ‘मैपिंग एक्सीडेंट्स ड्यूरिंग द लॉकडाउन यूजिंग टेक्नोलॉजी’ पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, ‘डेटा निकालने से लेकर इसके प्रमाणन तक की एक्चुरियल आकलन प्रक्रिया के कई चरण हैं। इस प्रक्रिया के शुरुआती चरणों में, कई दोहराए जाने वाले कार्य शामिल हैं। इसके समापन के लिए बड़े पैमाने पर मानव हस्तक्षेप हो रहा है।’ सरकार के अनुसार, दोहराव वाले कार्यों को दूर किया जा रहा है, और हम ज्यादा स्पष्ट अंतर्दृष्टि हासिल कर रहे हैं जिसे हम प्रबंधन के साथ साझा कर सकें।
नायर का मानना था कि दुनिया डिजिटलीकरण को तेजी से अपना रही है, भले ही यह शुरुआती स्तर पर हो, और तत्काल संतुष्टि के लिए जरूरत बढ़ी है। प्रौद्योगिकी ने लेखा कार्य से संबंधित टीमों को सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी इरगो ने एक डेटा ऑफिस और डेटा साइंस यूनिट बनाई है। उन्होंने कहा, ‘जहां डेटा ऑफिस वित्त को देखता है, वहीं डेटा साइंस इकाई अंडरराइटिंग और प्रोडक्ट्स का प्रबंधन करती है। दोनों ही एकीकृत हैं।’
मल्होत्रा का मानना है कि बीमा योजनाओं का मूल्य निर्धारण काफी जटिल हो गया था, क्योंकि इसमें अंतर बढ़ गया था। वाहन बीमा इसका एक उदाहरण है। पारंपरिक के बजाय प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल पर प्रकाश डालते हुए मल्होत्रा ने इसका जिक्र किया कि ड्रोन का इस्तेमाल फसल बीमा और फोटोग्रामेट्री का मोटर बीमा दावों के लिए किया जा रहा है।