प्रमुख सूचकांक कैलेंडर वर्ष 2022 में अब तक 1.5 प्रतिशत से ज्यादा गिरे हैं, क्योंकि वैश्विक अनिश्चितताएं बरकरार हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा उम्मीद से पहले और ज्यादा दर वृद्घि की संभावनाओं, रूस और यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की कीमतें 97 डॉलर प्रति बैरल की आठ वर्ष की ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद विश्लेषक अभी भी मान रहे हैं कि बाजार में तेजी आएगी।
हालांकि वे सतर्क हैं और सुझाव दे रहे हैं कि बाजार समस्याएं दूर होने तक अगले कुछ सप्ताहों के दौरान अस्थिर बने रहेंगे, लेकिन निवेशक गिरावट पर मजबूत बुनियादी वाली उन कंपनियों के शेयर मध्यावधि से दीर्घावधि के नजरिये से खरीद सकते हैं, जिनमें अच्छी राजस्व संभावनाएं मौजूद हैं।
प्रभुदास लीलाधर में शोध प्रमुख अमनीश अग्रवाल का कहना है, ‘यह अनिश्चितता सिर्फ गुजरता दौर है और ढांचागत वृद्घि के कारकों को बढ़ते इन्फ्रा खर्च, औद्योगिक पूंजीगत खर्च में सुधार, बंपर पैदावार से मदद मिली है। हम भारत की वृद्घि को लेकर सकारात्मक बने हुए हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि बाजार अगले 3-6 महीनों में कमजोर होंगे और फिर 2022 के अंत में सकारात्मक प्रतिफल देंगे।’
भारत में जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुछला ने कहा, ‘ऊंची अस्थिरता कुछ और महीनों तक बनी रह सकती है, जब तक कि हमें मुद्रास्फीति और अमेरिकी फेडरल के कदम को लेकर स्थिति और ज्यादा स्पष्ट नहीं हो जाती। इन गिरावटों से धीरे धीरे इक्विटी निवेश करने का अच्छा अवसर मिल सकता है, क्योंकि हम लगातार यह मान रहे हैं कि आय की रफ्तार बाजार के लिए प्रमुख समर्थन बनी रहेगी। हमारे पसंदीदा दांव में वित्त, उद्योग एवं इन्फ्रा, बिल्डिंग मैटेरियल और वाहन जैसे घरेलू चक्रीयता आधारित क्षेत्र शामिल हैं जबकि हम खपत, हेल्थकेयर, आईटी को लेकर भी सकारात्मक (गिरावट आने पर) बने रहेंगे।’
टेक्निकल चार्टों से भी संकेत मिलता है कि तेजडिय़े अभी हार मानने को तैयार नहीं हैं। पिछले पांच सप्ताहों में, निफ्टी पिछले चार सप्ताहों की तेजी (16,410-18,350) के 80 प्रतिशत को पुन: छूने में सफल रहा है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, हालांकि इसमें धीरे धीरे सुधार की रफ्तार से पता चलता है कि ब्याज तेजी की धारणा अभी भी मजबूत बनी हुई है।
उन्होंने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘यहां से किसी गिरावट को नकारात्मक नहीं समझा जाना चाहिए बल्कि अच्छी गुणवत्ता वाले लार्जकैप शेयरों को खरीदने के अवसर पर देखा जाना चाहिए, क्योंकि हमें निफ्टी द्वारा 16,800 के प्रमुख समर्थन तोड़े जाने की संभावना नहीं है। हमारे पसंदीदा क्षेत्र हैं बीएफएसआई, पूंजीगत वस्तु, धातु और वाहन।’
पांच प्रमुख तकनीकी मानक :
200-डीएमए समर्थन के अनुकूल
हालांकि दोनों प्रमुख सूचकांक अस्थिर बने हुए हैं, लेकिन उनमें 200-दिन मूविंग एवरेज (डीएमए) का उल्लंघन नहीं किया है। सेंसेक्स के लिए, 200-डीएमए 56,460 के स्तरों पर है, जबकि निफ्टी का 200-डीएमए 16,860 पर है। दोनों सूचकांक इनसे ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई)
आरएसआई से दैनिक चार्ट पर सकारात्मक अंतर का पता चलता है। अक्सर सकारात्मक अंतर तेजी के नजरिये को प्रदर्शित करता है।
डबल टॉप- चार्ट पैटर्न
साप्ताहिक चार्ट के अनुसार बीएसई (56,500 पर) और निफ्टी 50 (16,800) दोनों पर ‘डबल टॉप’ बन रहा है। हालांकि दायरा अभी नहीं टूटा है, जिससे संकेत मिलता है कि इन दोनों सूचकांकों के लिए अंतर्निहित ताकत अब ज्यादा कमजोर नहीं होगी।
बोलिंगर बैंड स्क्वीज
बोलिंगर बैंड उतार-चढ़ाव का एक संकेतक है। जब ये बैंड काफी दूर होते हैं, तो शेयर/सूचकांक एक दिशा में -ऊपर या नीचे जाते दिखते हैं। लेकिन जब बोलिंगर बैंड दबाव में दिखता है, जैसा कि मौजूदा समय में सेंसेक्स और निफ्टी 50 में दिख रहा है, तो ट्रेंड अनिर्णित बना रहता है। यहां प्रमुख अपर और लोअर स्तरों 59,667 और 56,790 (सेंसेक्स), और 17,750 और 16,920 (निफ्टी) पर नजर रखे जाने की जरूरत है।
समर्थन-प्रतिरोध स्तर
मजबूत कारोबार के साथ गिरावट पर 50 सप्ताह के मूविंग एवरेज के टूटने से पहला संकेत यह मिलता है कि सूचकांक /शेयर नीचे की ओर रुख कर रहे हैं। 50-डब्ल्यूएमए 54,500 (सेंसेक्स) और 16,500 (निफ्टी) पर है। ये दोनों सूचकांक मौजूदा समय में इन स्तरों से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।