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जून से शुरू हो सकता है दरें बढ़ाने का दौर

Last Updated- December 11, 2022 | 7:56 PM IST

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 7 फीसदी के करीब पहुंच गई है जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रीपो दर में बढ़ोतरी का दौर शुरू कर सकता है। बिज़नेस स्टैंर्डर्ड की ओर से अर्थशास्यिों के बीच कराए गए सर्वेक्षण से यह संकेत मिला है।
सर्वेक्षण में शामिल सभी प्रतिभागियों ने इस पर सहमति जताई कि जून से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो सकता है। 90 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 2 से  8 बार तक दरें बढ़ाई जा सकती हैं जिससे ब्याज दरों में 50 से 200 आधार अंक का इजाफा हो सकता है। 50 फीसदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में कम से कम चार बार रीपो दर में बढ़ोतरी की जा सकती है। अधिकतर प्रतिभागियों को लगता है कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 6.2 फीसदी पर रह सकती है जबकि आरबीआई ने इसके 5.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘वृद्घि में सुधार की रफ्तार धीमी पडऩे का जोखिम है लेकिन मुद्रास्फीति में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। हम 2023 की तीसरी तिमाही के लिए रीपो दर  6 फीसदी रहने का अनुमान लगा रहे हैं और मौद्रिक समिति की अगली बैठक में रीपो दर में 25 आधार अंक का इजाफा हो सकता है।’
रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण जिंसों की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। आरबीआई ने अपने समायोजन वाले रुख को फिलहाल बरकरार रखा है लेकिन वह मुद्रास्फीति को लक्षित दायरे में लाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। मौद्रिक नीति समिति ने मई 2020 से दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर को भी लगता है कि जून में दरें बढ़ाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अंत तक रीपो दर में 50 से 75 आधार अंक का इजाफा हो सकता है और फिर वित्त वर्ष 2024 में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी हो सकती है।
केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख को देखते हुए बॉन्ड पर प्रतिफल उछल गया। 10 वर्ष की परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड पर प्रतिफल एमपीसी की बैठक के बाद 30 आधार अंक तक उछल चुका है। बुधवार को 10 वर्ष की अवधि के सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल 7.21 प्रतिशत रहा। इस बारे में भारतीय स्टेट बैंक में समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘जून और अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा में दरें 25-25 आधार अंक बढ़ सकती हैं।’ एमके ग्लोबल में मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा,  ‘वित्त वर्ष 2023 में ब्याज दरें 100 आधार अंक तक बढ़ सकती हैं और मुख्य दरें करीब 5.25 फ ीसदी से अधिक रह सकती हैं। आरबीआई वास्तविक दरें शून्य के करीब रखना चाहता है। ब्याज दरें भले ही जल्द बढऩी शुरू हो जाएं मगर आर्थिक वृद्धि दर सुस्त रहने के बीच आरबीआई दरों में एक साथ बड़ी बढ़ोतरी शायद नहीं कर पाएगा। आईडीएफसी एएमसी में अर्थशास्त्री श्रीजित बालासुब्रमणयन ने कहा, ‘हमें लगता है कि जून में आरबीआई दरें बढ़ाएगा मगर मुझे नहीं लगता कि बाजार दरों में जितनी वृद्धि की उम्मीद कर रहा है आरबीआई आर्थिक हालात को देखते हुए उतनी बढ़ोतरी कर पाएगा।’

First Published - April 13, 2022 | 11:13 PM IST

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