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समृद्धि उप्र: अनुकूल नीतियों ने बनाया उत्तर प्रदेश को पसंदीदा निवेश स्थल

मुख्य सचिव ने कहा कि इसके पीछे नीतियां लागू करने के सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड ने अहम भूमिका निभाई

Last Updated- July 03, 2023 | 12:02 AM IST
Samriddhi UP: Favorable policies made Uttar Pradesh a favorite investment destination
Business Standard

उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते निवेश और औद्योगिक विकास के पीछे बड़ा योगदान यहां अलग अलग क्षेत्रों के लिए बनाई गई नीतियों का है। प्रदेश में तेजी से बन रहे एक्सप्रेसवे और यातायात के अन्य सुगम साधनों ने भी इसे निवेशकों का पसंदीदा स्थल बना दिया है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के ‘समृद्धि’ कार्यक्रम में बुनियादी ढांचे पर परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्र ने इन दोनों पहलुओं को प्रदेश के विकास में क्रांति लाने वाला बताया।

प्रदेश में हाल में हुए विकास को गेम चेंजर बताते हुए मिश्र ने कहा, ‘एक समय वह भी था जब निवेश करने या उद्योग लगाने के लिए लोग गिने-चुने राज्यों का ही रुख करते थे। उस समय उत्तर प्रदेश का नाम तक कोई नहीं लेता था। फिर हमने निवेशकों के पसंदीदा राज्यों की सभी नीतियों का अध्ययन किया और उनकी अच्छी बातें चुन लीं। उसके बाद इन सभी बातों को साथ लेकर हमने उत्तर प्रदेश के लिए नीतियां बनाई गईं।’

उन्होंने कहा कि नीतियों को सीधे बनाकर लागू नहीं कर दिया गया। प्रदेश के उद्यमियों और निवेशकों के साथ उन पर बार-बार चर्चा की गई। उनकी प्रतिक्रिया और सुझाव लेकर इन नीतियों को अंतिम रूप दिया गया। मिश्र ने बताया कि आज प्रदेश में उद्योग और निवेश के क्षेत्र में 25 नीतियां लागू हो चुकी हैं और लगातार बढ़ता निवेश उन्हीं नीतियों का नतीजा है। मुख्य सचिव ने बताया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में बड़ी अहमियत क्षेत्रवार नीतियों को दी गई। ये नीतियां भी प्रदेश में विभिन्न उद्योगों के प्रतिभागियों और प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद ही तैयार की गईं।

मगर केवल नीतियां बनाने से न तो प्रदेश का विकास होता है और न ही उद्योगों का। उनके विकास के लिए जरूरी है नीतियों का ठीक से लागू होना और लालफीताशाही खत्म होना। मिश्र ने कहा कि पहले प्रदेश के उद्यमी तमाम तरह की इजाजत और मंजूरी हासिल करने के लिए भटकते रहते थे। मगर मौजूदा प्रदेश सरकार ने इन मंजूरियों और अनापत्तियों के मकड़जाल से निकालने का काम किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबारी सुगमता पर बहुत अधिक जोर है। वह नहीं चाहते कि उद्यमियों को हर काम के लिए धक्के खाने पड़ें।

उन्होंने कहा, ‘इसीलिए कारोबारियों के अनुकूल नीतियां बनाने पर उनका बहुत अधिक जोर है और ये नीतियां ही हैं, जिनके दम पर उत्तर प्रदेश दुनिया भर के निवेशकों को अपने यहां निवेश करने और कारखाने लगाने का न्योता दे रहा है। मंजूरी के लिए एकल खिड़की के साथ निवेश मित्र पोर्टल उद्यमियों के लिए सबसे काम की चीज साबित हो रहा है।’

प्रदेश में हाल ही में वैश्विक निवेशक सम्मेलन हुआ था, जिसमें करीब 36 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश को मिले हैं। अब प्रदेश सरकार पहले शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारी कर रही है, जिसमें 13 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि इसके पीछे नीतियां लागू करने के सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा प्रदेश सरकार की विश्वसनीयता बहुत अधिक है, जिसकी वजह से निवेशक यहां आकर्षित हुए। सुशासन, निर्यात प्रोत्साहन ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश की रैंकिंग ने भी कंपनियों को यहां खींचने और उद्योगों को बढ़ावा देने में बड़ी मदद की है।’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा माहौल उद्योग लगाने में ही मददगार साबित नहीं हो रहा बल्कि व्यवसाय, सेवा क्षेत्र और नौकरी के लिए भी इसे पसंदीदा स्थल बना रहा है।

मिश्र ने इतने सम्मेलन में हुई निवेश प्रस्तावों की बारिश के लिए प्रदेश के सुरक्षित माहौल को भी श्रेय दिया। उन्होंने कहा, ‘आज उत्तर प्रदेश का कोना-कोना पूरी तरह सुरक्षित है। जिन इलाकों को किसी जमाने में खतरनाक और खूंखार कहा जाता था, आज वहां भी शांति है। इसका निवेश पर बहुत सकारात्मक असर पड़ा है क्योंकि उद्योगपति और व्यापारी बुनियादी ढांचे से भी ज्यादा अहमियत इस बात को देते हैं कि इलाके में अराजकता नहीं हो।’

एक्सप्रेसवे में प्रदेश की तेज प्रगति को मिश्र ने भी बड़ी उपलब्धि बताया उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे ने उन इलाकों को भी निवेश तथा रोजगार दिया है, जिनके नाम तक लोग पहले नहीं जानते थे। किसी समय पूर्वांचल के पिछड़े इलाके कहलाने वाले शहरों और कस्बों में भी अगर आज निवेशक आ रहे हैं तो उसमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का भी योगदान है। इसी तरह अगर बुंदेलखंड में कारखाने लगने जा रहे हैं तो उसमें बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का भी योगदान है। एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारे व क्लस्टर्स विकसित किए जा रहे हैं। इन कदमों से बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण होगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

First Published - July 2, 2023 | 7:22 PM IST

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