facebookmetapixel
Sectoral ETFs: हाई रिटर्न का मौका, लेकिन टाइमिंग और जोखिम की समझ जरूरीED-IBBI ने घर खरीदारों और बैंकों को राहत देने के लिए नए नियम लागू किएकमजोर बिक्री के बावजूद महंगे हुए मकान, तीसरी तिमाही में 7 से 19 फीसदी बढ़ी मकान की कीमतमुंबई में बिग बी की बड़ी डील – दो फ्लैट्स बिके करोड़ों में, खरीदार कौन हैं?PM Kisan 21st Installment: किसानों के खातें में ₹2,000 की अगली किस्त कब आएगी? चेक करें नया अपडेटनतीजों के बाद दिग्गज Telecom Stock पर ब्रोकरेज बुलिश, कहा- खरीदकर रख लें, ₹2,259 तक जाएगा भावTata Steel के तिमाही नतीजों की तारीख घोषित! जानिए कब खुलेंगे कंपनी के मुनाफे के आंकड़ेटाटा मोटर्स की अहम बैठक 14 नवंबर को, सितंबर तिमाही के नतीजों पर होगी चर्चाएयर टिकट बुक किया? अब 48 घंटे में बिना जुर्माने के रद्द कर सकेंगे टिकट, DGCA के नए प्रस्ताव से यात्रियों को राहतCanada immigration plan: हर साल 3.8 लाख लोग कनाडा में पा सकते हैं स्थायी घर, अस्थायी वीजा पर कड़ा नियम!

वित्त वर्ष 2023 में हो रहे इन बदलावों पर दें ध्यान

Last Updated- December 11, 2022 | 8:21 PM IST

आरपीटी की सख्त जांच
रिलेटेड-पार्टी ट्रांजेक्शन (आरपीटी) से संबंधित नए प्रावधान 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी हो रहे हैं। हालांकि कुछ संशोधन 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे। बाजार नियामक सेबी ने प्रमुख सीमाओं, सहायक कंपनियों के साथ लेनदेन और दो विदेशी सहायक इकाइयों के बीच लेनदेन के लिए मंजूरी के बारे में मानक सख्त बनाए हैं। मौजूदा समय में कंपनियों को संबद्घ पक्षों के साथ बड़े सौदे करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी लेने की जरूरत होती है, यदि सौदा सूचीबद्घ इकाई के सालाना कारोबार के 10 प्रतिशत से ज्यादा का हो। 1 अप्रैल से, यह सीमा 1,000 करोड़ रुपये या 10 प्रतिशत होगी, जो भी कम हो। इस कदम से बड़ी कंपनियां संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि इससे उनका अनुपालन झंझट बढ़ जाएगा और उन्हें बार बार शेयरधारकों की मंजूरी लेने की जरूरत होगी।

नए आईपीओ नियम
1 अप्रैल के बाद पेश किए जाने वाले आईपीओ में 2 लाख रुपये और 10 लाख रुपये के बीच निवेश करने वालों के लिए एचएनआई यानी अमीर निवेशकों के लिए सब-कोटा तय किया जाएगा। इसके अलावा, एंकर श्रेणी के तहत आवंटित 50 प्रतिशत शेयरों के लिए लॉक-इन अवधि 90 दिन की होगी, जो 30 दिन के मुकाबले ज्यादा है। इसके अलावा निर्गम से प्राप्त राशि 35 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी। नए नियमों से आईपीओ परिदृश्य में बदलाव आएगा।

सीएमडी की अलग जिम्मेदारी
चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) पदों को 1 अप्रैल से अलग करना अनिवार्य किया गया था। लेकिन भारतीय उद्योग जगत के विरोध के बाद सेबी ने नियम को स्वैच्छिक बना दिया। इससे पहले भी कंपनियां अपनी इच्छा से दो पदों को अलग कर सकती थीं। विश्लेषकों का कहना है कि स्वैच्छिक मानकों का पालन करने वाली
कंपनियों को अपने प्रशासनिक स्कोर में सुधार लाना होगा।

क्रिप्टो टैक्स
वित्त वर्ष 2023 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों (क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंगीबल टोकंस-एनईटी) पर 30 प्रतिशत कर लगाया। यह 1 अप्रैल से लागू हो रहा है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि आप किसी एक क्रिप्टोकरेंसी में हुए नुकसान की भरपाई अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लाभ से नहीं कर सकते।

निर्यातकों के लिए ई-फाइलिंग
डीजीएफटी योजना के लाभार्थियों के बारे में आंकड़े हासिल करने और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 1 अप्रैल से इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम के लिए निर्यातकों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण फाइल करने के लिए नया ऑनलाइन मॉड्यूल चालू करेगा।

पैन-आधार को जोडऩा
यदि आप अपने आधार को 31 मार्च तक पैन नंबर से नहीं जोड़ते हैं तोआपका पैन निष्क्रिय हो जाएगा। इसके अलावा, आपको सभी निवेश संबंधित गतिविधियों से भी वंचित होना पड़ सकता है। एनए शाह एसोसिएट्स के पार्टनर गोपाल बोहरा का कहना है, ‘इसका पालन नहीं किए जाने से सजा का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही आपका पैन बंद हो सकता है।’ यह सजा या जुर्माना आयकर अधिनियम की धारा 234एच के तहत हो सकता है। यदि निवेशक अपने पैन और आधार संख्या को 31 मार्च, 2022 से पहले जोडऩे में विफल रहता है तो आयकर विभाग उस पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।

आयकर रिटर्न फाइल
शुरू में, आपको सिर्फ टैक्स रिटर्न में बदलाव के लिए फाइल रिटर्न की आखिरी तारीख से पांच महीने की समय सीमा मिलती थी। अब करदाता आयकर रिटर्न में की गई गलतियों के लिए अपडेट रिटर्न फाइल कर सकते हैं। करदाता यह संशोधन अब दो साल के अंदर कर
सकते हैं।

राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए एनपीएस कटौती
राज्य सरकारों के कर्मचारी अब नियोक्ता से धारा 80सीसीडी (2) के तहत अपने बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते के 14 प्रतिशत तक के एनपीएस योगदान कटौती का दावा करने में सक्षम हो सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से कर्मचारियों पर कर बोझ आसान होगा।

परिसंपत्ति कर, स्टांप शुल्क पर ज्यादा खर्च
महाराष्ट्र सरकार द्वारा 500 वर्ग फुट से ज्यादा आकार वाली सभी परिसंपत्तियों के लिए संपत्ति कर दर 15-18 प्रतिशत किए जाने की संभावना है। एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है, ‘साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि रेडी रेकनर रेट (आरआरआर) में  इजाफा हो सकता है, जिससे परिसंपत्ति करदाताओं पर दोहरी मार पड़ सकती है।’

First Published - March 31, 2022 | 11:55 PM IST

संबंधित पोस्ट