अगर आपका कोई परिचित बैंक अथवा डाकघर में अपने जमा खाते में कई बार नकदी जमा करता और निकालता था मगर स्थायी खाता संख्या (पैन) की जरूरत वाले नियम को चकमा देने के लिए एक बार में 50,000 रुपये से कम की जमा या निकासी करता था तो अब उसे परेशानी हो सकती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 10 मई को एक अधिसूचना जारी कर लेनदेन के लिए पैन या आधार को अनिवार्य बना दिया है। इसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति पूरे वित्त वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 20 लाख रुपये या अधिक की नकद जमा अथवा निकासी करता है तो उसे पैन या आधार देना ही होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अगर तीन तरह के लेनदेन करता है तब उसके लिए पैन की पूरी जानकारी देना जरूरी है। ये लेनदेन इस प्रकार हैं:
अधिक नकदी जमा करना
किसी व्यक्ति के बैंक, सहकारी बैंक अथवा डाकघर में खुले एक या अधिक खातों में किसी भी वित्त वर्ष के दौरान कुल 20 लाख रुपये या उससे अधिक नकदी जमा करने पर पैन का उल्लेख करना होगा।
अधिक नकदी की निकासी
यदि कोई व्यक्ति किसी एक वित्त वर्ष के दौरान बैंक, सहकारी बैंक अथवा डाकघर में मौजूद अपने एक या अधिक खातों से कुल 20 लाख रुपये या उससे अधिक की नकदी निकालता है तो भी उसे पैन देना ही होगा।
टैक्समैन में प्रबंधक राहुल सिंह कहते हैं, ‘ध्यान दें कि 20 लाख रुपये नकदी की सीमा जमा के लिए भी है और निकासी के लिए भी। लेकिन जमा और निकासी को इसके लिए एक साथ नहीं मिलाया जाएगा।’ दूसरे शब्दों में कहें तो 20 लाख रुपये नकद निकासी और 20 लाख रुपये नकद जमा की सीमा अलग-अलग है। सिंह आगे कहते हैं, ‘अगर किसी व्यक्ति ने किसी बैंक में एक या अधिक खाते खोले हैं तो 20 लाख रुपये की सीमा का हिसाब लगाते समय उसके प्रत्येक खाते में की गई जमा या उससे की गई निकासी देखी जाएगी।’
पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स में मैनेजिंग पार्टनर समीर जैन कहते हैं, ‘इस तरह के लेनदेन के लिए पैन या आधार कार्ड का ब्योरा अनिवार्य किए जाने से सुनिश्चित होगा कि कर विभाग को इस बारे में जानकारी रहेगी और कोई भी कर चोरी नहीं कर सकेगा।’ एनए शाह एसोसिएट्स के पार्टनर धवल सेलवाडिया कहते हैं, ‘इस तरीके से पारदर्शिता बढ़ेगी और सरकार नकद लेनदेन पर नजर रख सकेगी और उस पर अंकुश भी लगा सकेगी।’
चालू और नकद क्रेडिट खाते खोलना
यह अधिसूचना में बताया गया तीसरा लेनदेन है। इसके मुताबिक किसी बैंक, सहकारी बैंक अथवा डाकघर में चालू खाता या नकद क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी पैन या आधार की जरूरत पड़ेगी।
पैन के लिए आवेदन समय
इसके अलावा नियमों में एक अहम बदलाव और किया गया है। सीबीडीटी ने नियम 114 में संशोधन कर दिया है और यदि कोई व्यक्ति नियम 114बीए में उल्लिखित लेनदेन (अधिक रकम की नकद जमा, निकासी, या खाता खोलना) करना चाहता है तो उसके लिए पैन का आवेदन करने की समयसीमा तय कर दी गई है। सिंह कहते हैं, ‘ऐसा व्यक्ति जिस तारीख को अधिक मूल्य की नकद निकासी अथवा जमा करना चाहता है या खाता खोलना चाहता है, उस तारीख से कम से कम सात दिन पहले उसे पैन के लिए आवेदन कर देना पड़ेगा।’
आयकर अधिनियम की धारा 139ए में कुछ ऐसे लेनदेन दिए गए हैं, जिनके लिए पैन का उल्लेख अनिवार्य है। नियम 114 पैन के आवंटन (उस व्यक्ति के लिए जिस पर धारा 139 ए लागू होती है) के लिए आवेदन करने का तरीका और समय-सीमा बताता है। अब सीबीडीटी दो नए नियम 114बीए और 114बीबी ले आया है। नियम 114बीए में वे तीन नए लेनदेन बताए गए हैं, जिनके लिए पैन की जरूरत होगी। नियम 114बीबी कहता है कि नियम 114बीए में बताए गए लेनदेन के लिए पैन जरूरी होगा। नियम 114बीए 25 मई 2022 से लागू होगा और नियम 114बीबी 9 जुलाई, 2022 से लागू होगा।