सोने-चांदी की कीमतें उछलने और लॉकडाउन के झटकों के कारण ठप पड़े सराफा बाजार में इस त्योहार पर रौनक आ गई। कारोबार को फिर पटरी पर लाने के लिए आभूषण निर्माताओं ने लुभावनी पेशकश कीं और आगे भाव बढऩे की उम्मीद में लोगों ने सोने के जेवरात खरीदे। यही वजह है कि पिछले साल के मुकाबले सोना 35 फीसदी और चांदी 40 फीसदी महंगी होने के बाद भी मुंबई और दिल्ली के बाजारों में धनतेरस पर जमकर कारोबार हुआ।
त्योहारों और शादी-ब्याह के मौसम को देखकर लोग इतने जोश में आए कि धनतेरस पर देश भर में पिछले साल के मुकाबले 33 फीसदी ज्यादा सोना खरीद डाला। कीमत के हिसाब से सोने का कारोबार पिछले साल से 70 फीसदी ज्यादा रहा। केवल मुंबई इलाके में ही उस दिन 750 करोड़ रुपये का सराफा कारोबार हो गया, जो नया रिकॉर्ड है।
इंडियन बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के आंकड़ों के मुताबिक इस धनतेरस पर देश भर में करीब 40 टन सोना खरीदा गया। इस सोने की कीमत करीब 20,000 करोड़ रुपये बैठी। आईबीजेए के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि पिछले साल धनतेरस पर 30 टन सोना ही बिका था, जिसकी कीमत करीब 12,000 करोड़ रुपये थी। मेहता का कहना है कि लॉकडाउन और खराब आर्थिक माहौल के कारण पिछले 8 महीने से गहने नहीं बिकने के कारण ही इस धनतेरस पर धन बरसा है।
इंडियन बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (मुंबई) के अध्यक्ष कुमार जैन ने कहा कि इस बार धनतेरस दो दिन 12 और 13 नवंबर को रही थी। इसलिए लोगों को खरीदारी का भरपूर समय मिला और सराफों की बिक्री भी बढ़ गई। धनतेरस के साथ ही सराफों को सहालग का भी पूरा सहारा मिला। पिछले साल शादी के 65 मुहूर्त थे मगर इस साल 102 मुहूर्त हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लगे प्रतिबंधों से शादी बहुत धूमधाम से नहीं हो रही हैं। इसलिए जो खर्च बच रहा है, उसे लोग गहनों में लगा रहे हैं। यही वजह थी कि ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए कई ज्वैलरों को 12 और 13 नवंबर को चौबीसों घंटे सोने की डिलिवरी करनी पड़ी। ज्वैलरों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तमाम जतन भी किए। लोगों की कम खर्च करने की इच्छा देखकर उन्होंने हल्के और कम कैरट के गहनों पर दांव खेला। ज्यादातर सराफों ने 14 से 18 कैरट के गहने तैयार कराए थे, जिनकी मांग भी खूब रही। धनतेरस पर पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा बुकिंग होने का एक कारण यह भी था।
कारोबारियों को सोने-चांदी के भाव से भी सहारा मिला। सराफों का कहना है कि त्योहारों में कीमत मामूली कम होने पर भी मांग कई गुना बढ़ जाती है। अगस्त में सोना 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 80,000 रुपये प्रति किलोग्राम चल रही थी। धनतेरस के दिन सोना 50,645 रुपये पर ही रहा, जिसका फायदा उठाने के लिए लोगों ने जमकर खरीदारी की। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार सोना बहुत महंगा था। पिछले धनतेरस पर इसका भाव 38,570 रुपये प्रति 10 ग्राम ही था।
ग्राहकों को लुभाने के लिए आम सराफों ने हल्के जेवरात और किस्तों पर भुगतान जैसे तमाम प्रयास किए तो संगठित ज्वैलरी शृंखलाएं भी पीछे नहीं रहीं। मालाबार गोल्ड ऐंड डायमंड्स ने पूरे देश में एक ही कीमत पर सोना बेचा और त्रिभुवनदास भीमजी जवेरी (टीबीजेड) ने सोने के गहनों पर मेकिंग चार्ज केवल 199 रुपये कर दिया और पुराने गहनों के एक्सचेंज पर 100 फीसदी कीमत देने का ऑफर भी शुरू किया। तनिष्क ने पहली बार सोने के गहनों पर 25 फीसदी तक और हीरे के आभूषण पर 20 फीसदी तक छूट का ऐलान किया। कल्याण ज्वैलर्स ने भी सोने के गहनों पर 500 रुपये प्रति ग्राम तथा हीरे के जेवरात पर 25 फीसदी तक छूट दी। उद्योग सूत्रों के मुताबिक ग्राहकों ने धनतेरस और सहालग की वजह से इनका जमकर फायदा उठाया।
दिल्ली के सराफा कारोबारियों के लिए भी त्योहार अच्छे रहे। धनतेरस पर कारोबार पिछले साल जैसा ही रहा मगर जेवरात के खरीदार ज्यादा थे क्योंकि शादियों के लिए ज्यादा खरीदारी हुई। दिल्ली बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वीके गोयल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से गर्मियों में जो शादियां टल गई थीं, वे सर्दियों में होने जा रही हैं। इस वजह से धनतेरस पर ग्राहकों ने गहने ज्यादा खरीदे। चांदी के सिक्के इस बार भी बिके मगर ग्राहकों ने 10 ग्राम के बजाय 100, 150 और 200 ग्राम के सिक्के ज्यादा खरीदे।
करोलबाग ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय खन्ना ने बताया कि त्योहारों पर कारोबार पिछले साल से कम जरूर रहा मगर लॉकडाउन की मार झेल चुके कारोबारियों के लिए 80 फीसदी कारोबार भी बहुत बड़ी राहत था। बहरहाल धनतेरस ने सारी कसर पूरी कर दी। हां, लॉकडाउन की चोट खाए ग्राहकों ने हल्के वजन के गहने खरीदने पर ज्यादा जोर दिया। कई सराफों के ग्राहक कम कैरट के गहने भी मांगते दिखे। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक धनतेरस पर सोने-चांदी की बिक्री करीब 15 से 18 फीसदी ज्यादा रही। हालांकि मात्रा के हिसाब से कारोबार कम रहा मगर सोने-चांदी के भाव ऊंचे होने की वजह से दाम के हिसाब से कारोबार बढिय़ा गया। दिल्ली में दीवाली पर 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये कीमत के सोने का कारोबार होने की बात कही जा रही है।
