भारत की वित्तीय राजधानी, मुंबई फिर से एक बड़े बदलाव के लिए तैयार हो रही है और बड़े पैमाने पर जमीन का पुनर्विकास होने जा रहा है। नया मेट्रो रेलवे वर्ष के अंत तक सेवाएं देने के लिए तैयार है और देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस का आधुनिकीकरण निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ किया जा रहा है।
मुंबई के दूसरे हवाईअड्डे पर काम अगले महीने शुरू हो जाएगा जबकि कोरोना लॉकडाउन के बावजूद सेंट्रल मुंबई से नवी मुंबई को जोडऩे वाले समुद्री लिंक पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। शहरी योजनाकारों का कहना है कि नरीमन पॉइंट को वर्ली से जोडऩे वाली एक तटीय सड़क परियोजना से शहर की भीड़ बड़े स्तर पर कम हो जाएगी।
शहरी योजनाकारों का कहना है कि इन सभी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) की जमीन पर तैयार की जाने वाली ईस्टर्न वॉटरफ्रंट परियोजना में शहर की तस्वीर को हमेशा से बदलने की क्षमता है। इस परियोजना की मदद से झुग्गी-झोपडिय़ों से भी छुटकारा मिल सकता है जिसमें मुंबई की आधी आबादी रहती है। साथ ही इसने न्यूयॉर्क की तर्ज पर एक सेंट्रल पार्क के निर्माण का अवसर भी दिया है। इस परियोजना को अहमदाबाद की कंपनी एचसीपी डिजाइन द्वारा डिजाइन किया जा रहा है जो अहमदाबाद में साबरमती तट और नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना का भी डिजाइन तैयार कर रही है।
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की लगभग 1,800 एकड़ की जमीन, मुंबई की आईलैंड सिटी के पूरे पूर्वी समुद्री तट को कवर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह महाराष्ट्र, मुंबई और केंद्र सरकार के लिए इस शहर के सामने आने वाली सामाजिक और ढांचागत चुनौतियों का समाधान करने का अच्छा अवसर है।
जमीन का पुनर्विकास कर किफायती आवास, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, मनोरंजन और खेल बुनियादी ढांचा, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, जल परिवहन और जहाज आदि के लिए बुनियादी ढांचा और कला, संस्कृति, संगीत आदि के लिए इमारत तैयार किए जा सकते हैं। टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक संजय दत्त का कहना है, ‘यह संभवत: पर्यावरण और वन्य जीवन की सुरक्षा पर जोर देने के साथ पर्यटन, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के अलावा लोगों की जीवन शैली और बेहतरी में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। अगर वे हमारी रियल एस्टेट रणनीति में सटीक बैठते हैं तब हम और संभावनाएं तलाशेंगे।’
इससे पहले मध्य मुंबई के पश्चिमी हिस्से में लोअर परेल, दादर, एलफिंस्टन में वाणिज्यिक जिले का पुनर्विकास बंद कपड़ा मिलों की जमीन पर हुआ। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में सबसे बड़ी वित्तीय कंपनियां हैं और इसे 90 के दशक में यहां की दलदली जमीन को ठीक कर बनाया गया था। इसके बाद कई कंपनियां दक्षिण मुंबई के नरीमन प्वाइंट और बलार्ड एस्टेट से यहां के परिसर में स्थानांतरित हो गईं। इसी तरह, मध्य मुंबई के पूर्वी हिस्से जैसे शिवडी से भायखला तक के क्षेत्र के विकास का काम एमबीपीटी ने शुरू किया तब शहर की तस्वीर बदलनी लाजिमी थी। इसके अलावा बुनियादी ढांचा की एक साथ तैयार की गई परियोजनाएं, इस क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देंगी।
एक शहरी योजनाकार ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘पिछले 30 वर्षों में नए क्षेत्रों के पुनर्विकास में गरीब पीछे छूट गए और पूरे शहर में झुग्गी-झोपडिय़ों वाली बस्तियां बन गईं। अरबपति अरबों डॉलर वाले घर में रहते हैं जिनके आसपास झुग्गी-झोपडिय़ों वाली बस्तियां हैं। लेकिन अगर इस परियोजना का प्रबंधन अच्छी तरह से किया जाता है तब गरीबों के लिए भी इस शहर में बदलाव लाया जा सकता है। लेकिन कुछ शक्तिशाली लोगों का लालच अपने ही हिस्से में पलड़े को झुकाएगा।’
पुनर्विकास योजना के अनुसार, ट्रस्ट लगभग 253 हेक्टेयर जमीन का विकास करेगा और इनमें से आधा क्षेत्र सार्वजनिक गतिविधियों के लिए होगा। इस योजना में एक हाईटेक शहर, सरकारी कार्यालय, मनोरंजन स्थल, थीम पार्क आदि तैयार किए जाएंगे। इस योजना के साथ-साथ शहर के तटीय इलाकों का विकास कर पर्यटन बढ़ाने पर जोर दिया जाना है। क्षेत्र में नए होटल और रेस्तरां के विकास की भी उम्मीद है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट, जेएलएल के अनुसार नई सड़कों, रेल और मेट्रो नेटवर्क के विकास से शहर के पूर्वी-पश्चिमी इलाके की कनेक्टिविटी और बढ़ेगी जिससे इस क्षेत्र की रियल एस्टेट कीमतों में भी वृद्धि होगी और साथ ही नवी मुंबई की प्रॉपर्टी की कीमतों में भी सुधार होगा। बंदरगाह क्षेत्र पहले केवल औद्योगिक, वाणिज्यिक और बंदरगाह गतिविधियों तक ही सीमित था लेकिन इस पुनर्विकास योजना के तहत नई आवासीय इमारतें भी तैयार होंगी जिसमें लगभग एक लाख लोगों को मकान मिलेंगे।
जेएलएल के प्रमुख (रणनीतिक सलाह एवं मूल्यांकन एडवाइजरी) ए शंकर ने कहा, ‘इस योजना के क्रियान्वयन की समय-सीमा पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी हालांकि एमबीपीटी इस प्रक्रिया पर तेजी से निगाह रखेगा और फिलहाल परिसंपत्तियों को भुनाने के लिएपैनल के लिए सलाहकारों को चुन रहे हैं।’
रियल एस्टेट कंपनियों ने कहा कि अगर ठीक से योजना बनाई जाए तो ईस्टर्न कॉरिडोर मुंबई का कायाकल्प कर सकता है। ओबेरॉय रियल्टी के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) विकास ओबेरॉय ने कहा, ‘दुनिया भर के ज्यादातर शहरों ने सार्वजनिक उद्यान, सामाजिक बुनियादी ढांचे, आवासीय एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों का निर्माण योजनाबद्ध तरीके से किया है।’ उनका कहना है, ‘अगर एमबीपीटी एक वास्तविकता बनता है तब यह रियल एस्टेट कंपनियों को सार्वजनिक पार्क, मॉल, होटल, स्कूल, अस्पताल, आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों का निर्माण करने के लिए बेहतर मौके देगा।’ हालांकि इसमें एक बाधा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य सरकार के बीच होने वाली तनातनी होगी। एमबीपीटी केंद्र सरकार की संस्था है। वहीं राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गठबंधन वाली सरकार है।
एक शहरी योजनाकार ने कहा, ‘हम बस यह प्रार्थना कर सकते है कि सभी सरकारें मुंबई के दीर्घकालिक भविष्य पर जोर दें और बड़े पार्कों, टहलने की जगहें तैयार करने जैसी सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ाएं। पहले भी इस शहर में लालच की वजह से कुछ अच्छा नहीं हो पाया।’
