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मुंबई इंडियंस का बेहतर प्रदर्शन पर दांव

Last Updated- December 14, 2022 | 9:18 PM IST

मंगलवार की रात को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल मैच में मुंबई इंडियंस ने डेल्ही कैपिटल्स को हरा दिया। मुंबई की टीम ने सबसे ज्यादा पांच बार यह खिताब जीता है और मैच के कुछ देर बाद ही पता चल गया कि आईपीएल में इस टीम का इतना दबदबा क्यों है। टीम के प्रमुख खिलाड़ी क्विंटन डी कॉक और नाथन कूल्टर-नाइल खेल खत्म होने के बाद साइमन डूल और इयान बिशप से बात कर रहे थे कि मुंबई इंडियंस की मालकिन यानी फ्रैंचाइज प्रमुख नीता अंबानी वहां पहुंच गईं। नीता इस बात से अनजान थीं कि दोनों खिलाड़ी कमेंट्री बॉक्स में मौजूद लोगों के साथ बातें कर रहे थे। वह पूरे जोश के साथ वहां पहुंचीं और डी कॉक के हाथ पर हाथ मारकर बधाई दी। इतने में उन्हें अंदाजा हो गया कि वह साक्षात्कार के बीच में आ गई हैं और नीता फौरन वहां से चली गईं।
नीता बेशक चली गईं मगर उस एक लम्हे में ही लोगों को मुंबई इंडियंस के हाथ लगी वह कुंजी दिख गई, जिससे पांच बार वह खिताब का ताला खोल चुकी है। वह कुंजी टीम का दोस्ताना माहौल था, जो खिलाडिय़ों ही नहीं बल्कि मालिकों तक को आपस में बांधता है। डूल भी इसे भांप गए और उन्होंने बेहद प्रसन्नचित्त मुद्रा में कहा कि फ्रैंचाइज का यही तो मतलब होता है। ऐसे खुशनुमा और प्रोत्साहन भरे माहौल ने मुंबई इंडियंस को मैदान पर अपना दमखम दिखाने का मौका दिया है जिसकी वजह से इसकी किस्मत भी चमकी है। सितंबर 2019 में वित्तीय सलाहकार कंपनी डफ  ऐंड फेल्प्स ने आईपीएल से जुड़े अपने सालाना अध्ययन में मुंबई इंडियंस की ब्रांड वैल्यू 809 करोड़ रुपये रखी, जो लगातार चौथे साल आईपीएल के सभी फ्रैंचाइज में सबसे ज्यादा रही।  एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक मैरियट बॉनवॉय और एस्ट्रल पाइप्स के साथ हुए नए करार की वजह से यह टीम 100 करोड़ रुपये की प्रायोजन कमाई हासिल करने वाली पहली भारतीय खेल फ्रैंचाइज बन गई है।
ये आंकड़े ही मुंबई इंडियंस का वह रसूख साबित करने के लिए काफी हैं, जिसके बल पर वह दुनिया की सबसे उम्दा ट्वेंटी-20 टीम कहलाती है। डफ  ऐंड फेल्प्स के बाहरी सलाहकार और डीऐंडपी एडवाइजरी एलएलपी के प्रबंध पार्टनर संतोष एन कहते हैं, ‘ब्रांड की कीमत या हैसियत मैदान के भीतर प्रदर्शन और मैदान के बाहर प्रबंधन के तालमेल पर निर्भर करती है। मुंबई इंडियंस ने दोनों ही मामलों में कामयाबी हासिल की है।’
इसकी वजह यह है कि फ्रैंचाइज के मालिक ने प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों का जमावड़ा लगाने के बजाय ऐसे खिलाडिय़ों पर जोर दिया, जो अलग-अलग खेलने के बजाय एक-दूसरे के साथ और एक-दूसरे की ताकत बनकर खेलें। यही वजह है कि मुंबई इंडियंस की रफ्तार कभी थमती नहीं दिखी जो पूरे आईपीएल में कई अन्य फ्रैंचाइज खास तौर पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के सामने एक बड़ी समस्या है।
जिस खेल में फ्रैंचाइज की कीमत काफी हद तक बड़े सितारों के नाम से तय होती है, उस खेल में मुंबई इंडियंस ऐसी किसी होड़ में नहीं पड़ी और बड़े नामों पर उसने पैसा नहीं बहाया। यही बात उसकी कामयाबी को और भी अनूठा बनाती है। डफ  ऐंड फेल्प्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की ब्रांड वैल्यू विराट कोहली पर निर्भर थी और चेन्नई सुपरकिंग्स को भी महेंद्र सिंह धोनी के करिश्मे का सहारा रहा।
संतोष कहते हैं, ‘रॉयल चैलेंजर्स का प्रदर्शन वास्तव में बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इसके बाद भी उन्होंने अच्छा किया है (फ्रैंचाइज की ब्रांड वैल्यू 595 करोड़ रुपये है) तो उसकी वजह कोहली और एबी डीविलियर्स जैसे नामचीन खिलाड़ी हैं।’ वह कहते हैं कि अगर मुंबई इंडियंस के साथ भी इसी तरह के दिग्गज नाम जुड़ जाते तो टीम का मूल्यांकन और भी ज्यादा होता। मगर उस टीम के लिए सबसे अच्छी बात पिछले कुछ साल से लगातार उसके साथ जुड़े रहे भारतीय खिलाडिय़ों की मजबूत घेराबंदी है, जिसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। खेल प्रबंधन में माहिर चेन्नई की कंपनी स्पोर्टेनमेंट के मैनेजिंग पार्टनर नवनीत गणपति कहते हैं, ‘जसप्रीत बुमराह को ही देख लीजिए। जब उन्होंने खेलना शुरू किया था तब कोई उन्हें जानता भी नहीं था। अब वह दुनिया के सबसे उम्दा गेंदबाजों में हैं। यही वजह है कि विज्ञापन देने वाले भी उनके साथ जुडऩा चाहते हैं।’
गुजरात के वडोदरा से निकलने पांड्या बंधु – कृणाल और हार्दिक – जैसे जाने-माने चेहरों की मदद से विज्ञापनदाता अपने उत्पादों को छोटे शहरों और कस्बों तक भी आसानी से ले जाते हैं, जो महानगरों के खिलाडिय़ों के साथ कभी मुमकिन नहीं होता। संतोष कहते हैं, ‘इसी वजह से आप देखेंगें कि मुंबई इंडियंस के साथ कई उपभोक्ता ब्रांड करार करते हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि फ्रैंचाइज मालिक रिलायंस का अपना उपभोक्ता ब्रांड जियो है।’
2020 के आईपीएल से पहले कोलगेट और कैडबेरी डेरी मिल्क जैसे नए ब्रांड तो मुंबई इंडियंस से जुड़े मगर सैमसंग, कलर्स और उषा जैसे पुराने साझेदार भी उसके साथ बने रहे। सैमसंग पिछले साल ही टीम की प्रमुख प्रायोजक बनी है और इसके एवज में तीन साल में वह फ्रैंचाइज को 75 करोड़ रुपये देगी। मैरियट बॉनवॉय से तीन साल में 30 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। मुंबई इंडियंस का कद कितना ऊंचा है, इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि मैरियट बॉनवॉय दमदार फुटबॉल क्लब बायर्न म्यूनिख और मैनचेस्टर यूनाइटेड की टीम की भी प्रायोजक है। मुंबई इंडियंस का दबदबा लगातार रहने की एक वजह यह भी है कि फ्रैंचाइज ने अपनी छवि एकदम बेदाग बनाकर रखी है। वह चेन्नई सुपर किंग्स या राजस्थान रॉयल्स से एकदम उलट है, जो स्पॉट फि क्सिंग के मामले में दो साल के लिए आईपीएल से कर दिए गए थे। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर को डियाजिओ द्वारा यूनाइटेड स्पिरिट्स के अधिग्रहण की वजह से मालिकाना ढांचे में बदलाव करना पड़ा था मगर मुंबई इंडियंस के साथ ऐसी कोई दिक्कत नहीं आई। गणपति कहते हैं, ‘जब कोई विवाद नहीं जुड़ा होता और आपकी टीम अच्छा कर रही होती है तब टीम या फ्रैंचाइज से जुड़े हर किसी पर उसका असर दिखता है।’
इसके लिए आक्रामक सोशल मीडिया रणनीति पर भी काम किया गया। इस बार मुंबई इंडियंस ने प्रशंसकों के लिए वर्चुअल स्टेडियम का अनुभव तैयार किया और पर्दे के पीछे के यानी कई अनदेखे दृश्य भी पोस्ट किए। पूरा जोर हैशटैग ‘वन फैमिली’ पर था। एक ब्रांड प्रवक्ता ने बताया, ‘मुंबई इंडियंस के पास सबसे प्रभावशाली सोशल मीडिया तंत्र है, जिसने प्रशंसकों की बहुत बड़ी और वफादार फौज तैयार करने में मदद की है। टीम से जुड़े उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में भी इसका काफी योगदान रहा है।’

First Published - November 13, 2020 | 10:58 PM IST

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