ऐसे साल में जब अक्षय कुमार और रणवीर सिंह जैसे बड़े फिल्मी सितारों की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट गईं जबकि उनके साथ बड़ी फिल्म निर्माता कंपनी खड़ी थी लेकिन इस वक्त बॉलीवुड में एक ऐसे अदाकार हैं जिन पर दांव लगाना घाटे का सौदा नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कार्तिक आर्यन की जिनकी फिल्म ‘भूल भुलैया’ बॉक्स ऑफिस पर काफी मशहूर हुई और यह साल में दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली (दक्षिण भारत की फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 को छोड़कर जो कई भाषाओं में रिलीज की गई थी) फिल्म साबित हुई।
‘भूल-भूलैया 2’ ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 185 करोड़ रुपये तक की कमाई की जो ‘दि कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की कमाई से थोड़ी ही पीछे है। अगर आप वैश्विक स्तर की बॉक्स ऑफिस कमाई को भी इसमें जोड़ते हैं तब फिल्म ने 230 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की।
कारोबार विश्लेषकों के मुताबिक करीब 65-75 करोड़ रुपये के बजट से बनी इस फिल्म का डिजिटल अधिकार नेटफ्लिक्स को 60-65 करोड़ रुपये में बेचा गया। इस तरह इस फिल्म ने पूरी लागत की भरपाई कर ली। इसके निर्माता टी सीरीज के भूषण कुमार ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया (इसमें घरेलू बॉक्स ऑफिस की 50 फीसदी हिस्सेदारी और म्यूजिक अधिकार, वैश्विक बॉक्स ऑफिस की अनुमानतः 42.6 करोड़ रुपये की कमाई शामिल है)। यह फिल्म इस हफ्ते नेटफ्लिक्स की प्रमुख ओटीटी सामग्री सूची में शीर्ष पर थी।
क्या हम आर्यन को बॉलीवुड में मुनाफा दिलाने वाले सितारे के तौर देख सकते हैं? उनके साथ काम करने वाले एक निर्माता का कहना है, ‘कार्तिक संघर्ष करने वाले व्यक्ति हैं। वह फिल्मों की दुनिया के लिए बाहरी हैं ऐसे में वह किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेते हैं। इसी वजह से उनका प्रदर्शन अच्छा है।’ उनका कहना है कि मुनाफा कमाने में मददगार साबित होने का अर्थ यह भी है कि उनके प्रदर्शन में संतुलन बना हुई है क्योंकि कई सितारे एक हिट फिल्म देते हैं और फिर पिट जाते हैं। जैसे कि शाहिद कपूर की एक फिल्म हिट हुई तो दूसरी फिल्म ‘जर्सी’ ने काफी पूंजी गंवा दी।
आर्यन ने यह महसूस किया कि बॉलीवुड की सफलता अस्थायी है और इसी वजह से वह अपने सेलेब्रिटी के दर्जे को भुनाने में काफी जल्दबाजी नहीं दिखाते हैं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर उन रिपोर्ट को खारिज कर दिया कि उनकी फीस फिल्म की सफलता के बाद बढ़कर दोगुनी यानी 30-40 करोड़ रुपये हो गई है। उनकी फीस 15 करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये है।
फिल्म कारोबार विश्लेषक कोमल नाहटा कहते हैं, ‘वह हमसे कहते हैं कि वह भूल-भूलैया 2 की सफलता के बाद कोई नई फिल्में साइन नहीं कर रहे हैं बल्कि वह केवल पटकथा पढ़ रहे हैं। वह जो भी फिल्में करते हैं उसको लेकर काफी सतर्कता बरत रहे हैं।’
फिल्म की अप्रत्याशित सफलता के बारे में आर्यन ने कहा, ‘हमने निश्चित तौर पर यह उम्मीद की थी कि हम 100 करोड़ रुपये तक मुनाफा पा लेंगे लेकिन 200 करोड़ रुपये तक पहुंचना हमारी उम्मीद से इतर था। हमारा मानना था कि लोग परिवार के साथ यह फिल्म देखने आएंगे लेकिन इसे छोटे बच्चों ने भी पसंद किया।’
इसके चलते प्रमुख विज्ञापनदाता आर्यन के दरवाजे खटखटाने लगे हैं। उन्हें अब युवा आइकन के तौर पर देखा जाने लगा है। उनके खाते में एक दर्जन या इससे अधिक बड़े ब्रांड हैं मसलन बाटा, कैडबरी, फैंटा, पेप्सिको का डोरिटॉस, आईटीसी इन्गेज, अर्मानी, बोट आदि। इसके अलावा भूल-भूलैया 2 की सफलता ने उनके दायरे को अन्य सेगमेंट मसलन मोबाइल ब्रांड, बाइक, पश्चिमी परिधान, म्युचुअल फंड और निवेश कंपनियों तक बढ़ाया है। उनकी टीम ने बताया कि इन सेगमेंट के करार विभिन्न चरणों में हैं।
कार्तिक आर्यन जिस एफएमसीजी कंपनी के ब्रांड ऐंबेसडर हैं उसके वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, ‘वह विभिन्न सेगमेंट में अच्छे ब्रांडों का विकल्प देखते हैं। उनसे संपर्क करना आसान है और वह पैसे के पीछे भागते नहीं हैं। उनके लिए यह लंबी अवधि का खेल है।’
पहले उनसे करार करने के लिए संपर्क करने वालों ने बताया कि वह 60 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये की फीस लेते हैं जो उतना महंगा नहीं है क्योंकि बड़े सितारे ब्रांडों से अमूमन 5 करोड़ रुपये की राशि वसूलते हैं।
बॉलीवुड के लिए बाहरी माने जाने वाले आर्यन के लिए उनका सफर धीमा रहा है। उनकी शुरुआत 2011 में ‘प्यार का पंचनामा’ से हुई लेकिन उन्हें 2015 में सराहना तब मिली जब ‘प्यार का पंचनामा 2’ रिलीज हुई और इसे 64.1 करोड़ रुपये की कमाई की। वर्ष 2019 में उनकी ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ फिल्म ने 100 करोड़ रुपये की कमाई की लेकिन इसके बाद अगले साल ‘लव आजकल’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई और यह फिल्म महज 35 करोड़ रुपये की कमाई कर सकी।
