भारतीय उद्योग जगत (निफ्टी 500 कंपनियों) का कर्मचारियों पर होने वाला खर्च वित्त वर्ष 2021-22 में साल भर पहले के मुकाबले 12 फीसदी से ज्यादा बढ़कर रिकॉर्ड 10.8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। लगभग सभी क्षेत्रों में कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में इजाफा हुआ है मगर वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों में यह लागत 23 फीसदी और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 19 फीसदी बढ़ी है। देश के कुल बाजार पूंजीकरण में निफ्टी 500 कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी है।
मोतीलाल ओसवाल ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2020 और 2021 में कर्मचारी लागत एक अंक में बढ़ने के बाद वित्त वर्ष 2022 में निफ्टी 500 कंपनियों की कर्मचारी लागत 2020-21 के मुकाबले 12.4 फसदी बढ़ी। कर्मचारियों की लागत वृद्धि दर आठ साल में सबसे अधिक है। निफ्टी 500 कंपनियों की कर्मचारी लागत पहली बार 10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंची है। इन कंपनियों की कर्मचारी लागत 3, 5, और 10 साल में क्रमश: 9 फीसदी, 10 फीसदी और 11 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है जबकि इस दौरान उनकी बिक्री में क्रमश: 8, 11 और 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।’
कुल 10.8 लाख करोड़ रुपये की कर्मचारी लागत में आईटी क्षेत्र की हिस्सेदारी 53.7 फीसदी है। इसी तरह वाहन क्षेत्र की 6.3 फीसदी, धातु कंपनियों की 5.7 फीसदी और यूटिलिटीज क्षेत्र की 55 फीसदी हिस्सेदारी है।
जेफरीज ने एक नोट में कहा है, ‘वित्त वर्ष 2022 में निफ्टी 500 कंपनियों की कर्मचारी लागत के रुझान का विश्लेषण करने से पता चलता है कि आईटी क्षेत्र की अगुआई में कारोबारी गतिविधियों में व्यापक सुधार हुआ है। हालांकि असंगठित क्षेत्र अभी पूरी तरह नहीं उबर पाया है।’
आईटी क्षेत्र में वेतन पर खर्च में भारी इजाफे की एक वजह नियुक्तियों में तेजी भी है और स्टार्टअप क्षेत्र में खास तौर पर यही वजह है। मगर चालू वित्त वर्ष में इसमें थोड़ी नरमी देखी जा सकती है।
जेफरीज ने आगे कहा है, ‘वित्त वर्ष 2022 में आईटी उद्योग की नियुक्तियों में तीन गुना इजाफा हुआ है और औपचारिक रोजगार वृद्धि में इस क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है। बीता वित्त वर्ष देसी स्टार्टअप के लिए भी अच्छा रहा। इस दौरान रिकॉर्ड 44 यूनिकॉर्न बने। लेकिन स्टार्टअप
गतिविधियों में अब नरमी आ सकती है। वित्त वर्ष 2022 के दौरान सूचीबद्ध फर्मों में कर्मचारियों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि (55.7 फीसदी) टाटा समूह की रिटेल इकाई ट्रेंट में देखी गई। इसके बाद खाद्य श्रृंखला चलाने वाली कंपनी देवयानी इंटरनैशनल में 29.1 फीसदी और टाटा स्टील में 15.2 फीसदी कर्मचारी बढ़े हैं।
मोतीलाल ओसवाल ने अपने नोट में उल्लेख किया है कि भारतीय उद्योग जगत की कुल कर्मचारी लागत पिछले 10 साल में तीन गुना बढ़ी है। वित्त वर्ष 2021 में निफ्टी 500 कंपनियों की कर्मचारी लागत 3.7 लाख करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2022 में 10.8 लाख करोड़ रुपये हो गई।