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दिसंबर तिमाही में उद्योग को दम

Last Updated- December 11, 2022 | 9:15 PM IST

भारत के उद्योग जगत के लिए दिसंबर 2021 तिमाही भी अच्छी साबित हुई। बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल 3,191 सूचीबद्घ कंपनियों का समेकित शुद्घ मुनाफा इस दौरान पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 26.9 फीसदी और शुद्घ बिक्री/आय 24 फीसदी बढ़ी है। पिछली तिमाही में बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों एवं बीमा, धातु एवं खनन कंपनियों और तेल एवं गैस उत्पादकों की अगुआई में तिमाही मुनाफा में इजाफा हुआ है जबकि विनिर्माण क्षेत्र की जुड़ी कंपनियों में ऊंची लागत, कम मार्जिन और कम राजस्व वृद्घि का दबाव देखा गया।
लगातार छठी तिमाही में उद्योग जगत की वृद्घि दो अंक में रहने के बावजूद वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही से कम रही। उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में समेकित शुद्घ मुनाफा 49.1 फीसदी बढ़ा था और इसी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कम आधार प्रभाव के कारण कमाई में 9 गुना इजाफा हुआ था। हालांकि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में दूसरी तिमाही के मुकाबले आय वृद्घि ज्यादा रही।
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाली तिमाहियों में भी आय में कमी आ सकती है। जेएम फाइनैंशियल इक्विटी में प्रबंध निदेशक और मुख्य रणनीतिकार धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘मुनाफा वृद्घि में अधिकांश बढ़ोतरी चुनिंदा क्षेत्रों और कंपनियों की वजह से आई जबकि आय में वृद्घि बिक्री के बजाय कीमतों में वृद्घि के कारण हुई है। अधिकतर कंपनियां परिचालन लागत में बढ़ोतरी से जूझ रही हैं जिससे आगे उनके मुनाफे पर असर पड़ सकता है।’
बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल सूचीबद्घ कंपनियों की शुद्घ बिक्री चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 27 लाख करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 21.76 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 24.67 लाख करोड़ रुपये थी। अन्य आय और एकमुश्त आय को शामिल करने पर इन कंपनियों की समेकित आय बढ़कर 28.46 लाख करोड़ रुपये रही, जो दूसरी तिमाही में 26.42 लाख करोड़ रुपये और इससे पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 23.5 लाख करोड़ रुपये थी।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के मुनाफा वृद्घि में चक्रीय क्षेत्रों जैसे कि बैंक, बीमा, तेल एवं गैस और धातु कंपनियों का प्रभुत्व रहा। नमूने में शामिल कंपनियों के एकीकृत मुनाफे में इन तीन क्षेत्रों की कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी रही, जो वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के 62 फीसदी से कम है। लेकिन कोविड से पहले की अवधि की तुलना में यह काफी अधिक है। धातु एवं तेल-गैस क्षेत्र की कंपनियों को उत्पाद की ऊंची लागत का लाभ मिला, वहीं वाणिज्यिक बैंकों को कम ब्याज लागत और फंसे हुए कर्ज के लिए कम प्रावधान का फायदा मिला। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंकों की ब्याज लागत लगातार छठी तिमाही घटी है।

First Published - February 15, 2022 | 11:12 PM IST

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