भारत में कोविड-19 का संकट वैश्विक रूप से सुर्खियों में है। ऑक्सीजन का संकट बढ़ा है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोग, स्टार्टअप, वेंचर कैपिटलिस्ट महामारी से प्रभावित परिवारों की विभिन्न तरीकों से मदद की पेशकश कर रहे हैं।
रविवार की सुबह अमेरिका ते वेंचर कैपिटलिस्ट विनोद खोसला ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं भारत के उन अस्पतालों के वित्तपोषण को इच्छुक हूं, जो ऑक्सीजन के थोक में आयात या भारत में इसकी आपूर्ति बढ़ाने को इच्छुक हैं। सरकारी अस्पताल/एनजीओ भी सामने आ सकते हैं।’
इसके बाद जोमैटो के सह संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) दीपेंदर गोयल ने कहा कि कंपनी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स खरीदने के लिए लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप से 50 करोड़ रुपये की साझेदारी कर रही है। जोमैटो की फीडिंग इंडिया ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और जरूरतमंद परिवारों पर अस्पतालों के लिए ‘हेल्प सेव माई इंडिया’ अभियान शुरू किया।
शनिवार को डेलहीवेरी के सह संस्थापक साहित बरुआ ने लिंक्डइन पोस्ट में कहा था, ‘हम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स व अन्य जरूरी आपूर्तियों के लिए चार्टर चला रहे हैं और मांग के मुताबिक और क्षमता बढ़ाएंगे।’
पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने भी कहा कि कंपनी विभिन्न आकार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के लिए 2 करोड़ रुपये जुटाएगी।
पुणे प्लेटफॉर्म फॉर कोविड रिस्पांस (पीपीसीआर) ने भी महरट्टा चैंबर फॉर कॉमर्स, इंडस्ट्रीज ऐंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) में ‘मिशन वायु’ के तहत क्राउडफंडिंग की कवायद की है, जिससे 250 वेंटिलेटर, 4,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स सिंगापुर से आयात किए जाएंगे। एमसीसीआईए के अध्यक्ष सुधीर मेहता ने कहा, ‘हमने इस अभियान से 7 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कॉर्पोरेट घरानों के समर्थन से यह किया गया है और 30 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। रविवार को 250 बाइपैप मशीनों की पहली खेप सिंगापुर से रविवार को आ रही है।’
खालसा ऐड और हेमकुंड फाउंडेशन जैसे संगठन भी दिल्ली एनसीआर और अन्य क्षेत्रों में मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और ऑक्सीजन मुफ्त मुहैया करा रहे हैं।
डिजिटल मैप मेकिंग कंपनी मैप माई इंडिया के सीईओ रोहन वर्मा ने ऑक्सीजन ढोने वाले वाहनों में मुफ्त में जीपीएस लगाने की पेशकश की है।
विनिर्माता, ट्रांसपोर्टर, अस्पताल प्रशासक और सरकारी अधिकारी इन वाहनों की आवाजाही पर नजर रख सकेंगे और तत्काल उन्हें अलर्ट कर सकेंगे। क्रिप्टोकरेंसी कम्युनिटी से की गई एक अपील में क्रिप्टोकरेंसी आधारित स्टार्टअप पोलयोन के सह संस्थापक ने शनिवार को ट्वीट किया कि वह कोविड राहत अभियान शुरू करेंगे, जिससे भारत में स्थिति को काबू में लाने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक क्रिप्टो कम्युनिटी से मदद की जरूरत है। मैं पारदर्शिता, फंड के इस्तेमाल और नियामकीय अनुपालन की पूरी जिम्मेदारी लूंगा।’
सिकोया कैपिटल के प्रबंध निदेशक शैलेंद्र सिंह ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का आयात किया जाना चाहिए।
अन्य स्वयंसेवक भी कवायद कर रहे हैं कि सूचनाएं मिल सकें और जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके। डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म मेडीबडी ने कोविड-19 हॉस्पिटल बेड उपलब्धता चेकर अपन ऐप पर डाला है, जिससे बेड की उपलब्धता की जानकारी मिल सके। मुंबई के शेफ सारांश गोलिया, रेटूल इंडिया ग्रोथ हेड सिड पुरी व अन्य भी साथ आए हैं और देश भर के कोविड के मरीजों को खाना मुहैया कराने के लिए एक टूल तैयार कर रहे हैं।
तैयार व निर्माणाधीन मकानों की कीमतों में अंतर हुआ कम
तैयार आवासीय परियोजनाओं और निर्माणाधीन आवास परियोजनाओं के बीच फ्लैट का मूल्य अंतर कम होकर 3 से 5 प्रतिशत रह गया है जबकि चार साल पहले यह अंतर 9 से 12 प्रतिशत के बीच था। आवासीय परियोजनाओं पर नजर रखने वाले कंपनी एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घर खरीदार जोखिम के विभिन्न कारणों को देखते हुए बने बनाए मकानों को अधिक तवज्जो दे रहे हैं। एनारॉक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 7 प्रमुख शहरों में निर्माणाधीन आवासीय संपत्तियों के मुकाबले तैयार आवासीय परियोजनाओं का मूल्य 3-5 प्रतिशत तक ऊंचा रहा है। भाषा