प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि क्रूज पर्यटन और अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह क्रूज वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक 3,200 किलोमीटर की दुनिया की सबसे लंबी जल यात्रा के लिए रवाना हुआ।
इस दौरान मोदी ने कहा कि क्रूज पर्यटन और अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि एमवी गंगा विलास दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर भारत को मजबूत करेगा। 27 नदियों से होकर गुजरने वाला 52-दिवसीय लक्ज़री क्रूज, उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
क्रूज में पर्यटकों के लिए 18 स्वीट, तीन डेक और अन्य सुविधाएं हैं। पहली यात्रा में 32 स्विस नागरिक शामिल हैं।
उद्घाटन समारोह में मोदी ने कहा, ‘हम देश भर के अंतर्देशीय जलमार्गों में क्रूज पर्यटन के लिए विभिन्न शहरों में लंबी और छोटी दूरी के क्रूज को प्रोत्साहन देकर ऐसी कई पहल कर रहे हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का काम चल रहा है और इनमें दो दर्जन पर परिवहन की शुरुआत हो चुकी है।’ उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत में माल ढुलाई के लिए जल परिवहन बड़ा साधन बनेगा। बीते आठ सालों में जल मार्ग से माल ढुलाई में तीन गुना की वृद्धि हुई। आठ साल पहले देश में केवल 30 लाख टन माल जल मार्ग से ले जाया जाता था।
उन्होंने कहा कि 2014 में जहां देश में केवल पांच जलमार्ग विकसित हुए थे वहीं आज इनकी तादाद काफी हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी में गंगा कनारे बसाई गई पांच सितारा सुविधाओं वाली टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया।
मोदी ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं पूर्वी भारत को देश के विकास का इंजन बनाने में मदद करेंगी।
उन्होंने हल्दिया मल्टीमॉडल टर्मिनल का उद्घाटन किया जो वाराणसी को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है। परियोजनाएं कोलकाता और बांग्लादेश में बंदरगाहों के साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी। साथ ही उत्तर प्रदेश की चार सामुदायिक जेटी का लोकार्पण तथा बिहार की पांच सामुदायिक जेटी का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने असम के पांडु के शिप रिपेयर सेंटर और पांडु टर्मिनल को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली एलिवेटेड रोड का शिलान्यास किया और गुवाहाटी में मैरीटाइम स्किल सेंटर फॉर नॉर्थ ईस्ट का लोकार्पण किया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिवर क्रूज़ उद्योगों को एक संदेश भेजेगा कि भारत के जलमार्ग कार्गो परिवहन के लिए व्यवहार्य हैं, जो लॉजिस्टिक्स में उस मॉडल बदलाव को बढ़ावा देता है जिसे केंद्र वर्षों से हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है।
मोदी ने कहा, ‘एक अध्ययन से पता चलता है कि सड़क परिवहन के बजाय जलमार्गों का उपयोग करने से लागत में ढाई गुना तक की बचत हो सकती है, जबकि जलमार्गों के उपयोग की लागत रेलवे के उपयोग की तुलना में एक तिहाई है।’ उन्होंने कहा कि जलमार्ग न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं वे लागत-कुशल भी हैं।
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अनुसार, वैश्विक नदी क्रूज बाजार पिछले कुछ वर्षों में पांच फीसदी से अधिक बढ़ा है और 2027 तक क्रूज बाजार का 37 फीसदी से अधिक होने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारत में, आठ नदी क्रूज जहाज कोलकाता और वाराणसी के बीच परिचालन कर रहे हैं। जबकि राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू) 2 (ब्रह्मपुत्र) पर क्रूज संचालन भी जारी है। एनडब्ल्यू-2 पर 10 यात्री टर्मिनलों का निर्माण चल रहा है, जो रिवर क्रूज की संभावनाओं को और मजबूत करेगा।’