BS Manthan: भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने में महज 23 साल बचे हैं और इस मियाद में विकसित राष्ट्र बनने का भारत का मकसद है। लेकिन यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि कैसे हासिल होगी, इस पर सरकार, नीति निर्माता, अर्थव्यवस्था और भारतीय उद्योग जगत की नामचीन हस्तियां नई दिल्ली के भारत मंडपम में बुधवार से शुरू हो रहे बिज़नेस स्टैंडर्ड के सालाना सम्मेलन ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन’ में चर्चा करेंगी।
मंथन का यह पहला संस्करण है और दो दिन का यह कार्यक्रम बिज़नेस स्टैंडर्ड के प्रकाशन के 50 साल पूरा होने का भी प्रतीक है। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ‘2047 तक विकसित भारत: रोडमैप’ विषय पर मुख्य भाषण देंगी। सीतारमण इस सवाल पर चर्चा करेंगी कि भारत इस महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को किस प्रकार हासिल कर सकता है। शाम साढ़े चार बजे केंद्रीय रेल और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बातचीत होगी जिसमें भारत की डिजिटल रीढ़- दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
दूसरे दिन 28 मार्च को कार्यक्रम की शुरुआत वैश्विक मंच पर बड़ी भूमिका के लिए तैयार भारत के सामने मौजूद अवसरों एवं चुनौतियों पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा चर्चा के साथ होगी। इसके बाद जी20 के शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत 2047 की यात्रा पर अपने विचार रखेंगे।
इसी दिन विनिर्माण और सेवाओं पर चल रही बहस के बीच इस बात पर चर्चा होगी कि ‘किसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए?’ चर्चा में मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव बातचीत में शामिल होंगे। इन्फो एज के संस्थापक और भारतीय स्टार्टअप के जनक संजीव बिखचंदानी इस बात पर मंथन करेंगे कि भारतीय स्टार्टअप देश के विकास का एजेंडा कैसे आगे बढ़ाएं।
इस बीच, एमेजॉन के कंट्री मैनेजर (कंज्यूमर बिज़नेस) मनीष तिवारी देश के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दृष्टिकोण पेश करेंगे।
बिज़नेस मंथन प्रमुख आर्थिक, व्यावसायिक और रणनीतिक नीति विकल्पों के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए घरेलू और और विदेशी विचारशील लीडर्स को एक नया मंच प्रदान करेगा। कल शाम अपने भाषण में फाइनैंशियल टाइम्स, लंदन के मुख्य आर्थिक टिप्पणीकार मार्टिन वोल्फ ‘लोकतांत्रिक पूंजीवाद के संकट’ पर चर्चा करेंगे।
पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री रोहित लांबा भारत के आर्थिक भविष्य की फिर से कल्पना करने के लिए पुरातन ढांचे को तोड़ने के तरीके तलाशेंगे। और जीक्वांट इन्वेस्टेक के संस्थापक शंकर शर्मा विकसित भारत में बाजार की संभावनाओं की गहराई से पड़ताल करेंगे।
विकसित भारत की राह तब तक आसान नहीं हो सकती जब तक बदलते भू-रणनीतिक परिदृश्य में चीन के सवाल का आकलन और समाधान नहीं किया जाता। विकसित अर्थव्यवस्थाएं भारत को चीन के मुकाबले प्लस वन विकल्प के रूप में देखने लगी हैं। यह एक ऐसा तमगा है जिसे भारत जल्दी हटाना चाहेगा। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और ब्रिटेन में भारत के पूर्व उच्चायुक्त नलिन सूरी गुरुवार को पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन के साथ बातचीत में इस व्यापक विषय पर चर्चा करेंगे।
जलवायु, पर्यावरण और धरती को लेकर चिंता चरम पर पहुंच गई है और इस पर तत्काल ध्यान देने की दरकार है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पैनल में शामिल विशेषज्ञ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे कि जिम्मेदार ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से भारत की वृद्धि कैसे टिकाऊ हो सकती है। पैनलिस्ट में हरित ऊर्जा कारोबार और पर्यावरण-केंद्रित अनुसंधान संगठन की शीर्ष हस्तियां शामिल होंगी।
भारत किस तरह से वैश्विक शक्ति बनने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) लहर पर सवार हो सकता है। 2047 तक भारत को विकसित देशों की जमात में पहुंचाने में खेलों के योगदान। विलासिता की बात करें तो डिजाइनर परिधान से लेकर होटल, रिसॉर्ट और रिटेल भारत की छवि को निखारने में कैसे भूमिका निभा सकते हैं। कृषि पर ध्यान केंद्रित करने और नवोन्मेषी हस्तक्षेपों की आवश्यकता क्यों है? विकसित भारत में स्टार्टअप के लिए कैसा माहौल होगा? जैसे तमाम विषयों पर सम्मेलन में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन का समापन पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के बीच दिलचस्प बातचीत के साथ होगा। दोनों अर्थशास्त्री 2047 की ओर भारत की सफल यात्रा के लिए आवश्यक केंद्र-राज्य संबंधों की रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगे।