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बॉक्स ऑफिस ने मार्च में कमाए 1,500 करोड़

Last Updated- December 11, 2022 | 6:51 PM IST

कोविड-19 महामारी से हलाकान होने के बाद मल्टीप्लेक्टस थिएटर परिचालकों के लिए इस साल मार्च का महीना शानदार रहा। मल्टीप्लेक्स उद्योग की शीर्ष निकाय मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने खुलासा किया है कि उसने मार्च महीने में 1,500 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस राजस्व हासिल किया है जो किसी महीने के लिहाज से अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। मासिक राजस्व के तौर पर इससे पहले का रिकॉर्ड 1,200 करोड़ रुपये का रहा है।   
अप्रैल के अंतिम आंकड़े का मिलान अभी भी किया जा रहा है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह मार्च के स्तर जितना ही रह सकता है। इसकी वजह दबी हुई मांग बताई जा रही है। उद्योग का मानना है कि अब वह वित्त वर्ष 2023 में 15,500 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस राजस्व अर्जित करने की ओर बढ़ रहा है। ऐसा होने पर यह महामारी से ऐन पहले वित्त वर्ष 2020 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन होगा।
संघ के अध्यक्ष और पीवीआर लिमिटेड में कारोबार रणनीति तथा योजना के प्रमुख कमल ज्ञानचंदानी परिणाम से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी स्क्रीन खुलने और क्षमता को लेकर सरकार की तरफ से कोई प्रतिबंध नहीं होने तथा फिल्म देखने वालों का बड़ी संख्या में आने से इस साल मार्च महीने में उद्योग को रिकॉर्ड कमाई हुई है।’    
मार्च और अप्रैल के रुझानों के आधार पर ज्ञानचंदानी ने कहा कि उद्योग के लिए वित्त वर्ष 2023 अब तक का सबसे अच्छा वर्ष हो सकता है जब समग्र राजस्व 14,500 करोड़ रुपये से 15,500 करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है।
उद्योग के अनुमानों से पता चलता है कि मल्टीप्लेक्स मालिक करीब 3,000 स्क्रीनों पर नियंत्रण रखते हैं जिनमें से कुछ बंद हो चुके हैं या फिर महामारी के दौरान दूसरे के नियंत्रण में चले गए। यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि 350 से 400 जो नए स्क्रीन ठंडे बस्ते में चले गए थे या पूरा होने के विभिन्न चरणों में थे, वे बाजार में आए हैं कि नहीं।   
इसके अलावा, कुछ महीने पहले ही पीवीआर और इनबॉक्स ने घोषणा की थी कि उनका विलय होने जा रहा है जिसके बाद उनके पास 1,500 से अधिक स्क्रीन होगी। यह संख्या देश में उपलब्ध कुल मल्टीप्लेक्स की करीब आधी है।
ज्ञानचंदानी ने कहा कि उद्योग के लिए सबसे अच्छा साल कोविड से पहले का वित्त वर्ष 2020 रहा था जब उसे बॉक्स ऑफिस के राजस्व मद में 12,000 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। उसके बाद महामारी आने से थिएटर बंद हो रहे थे जिसके परिणामस्वरूप नई फिल्मों की रिलीज में तेजी से कमी आ रही थी। मल्टीप्लेक्स मालिकों को बॉक्स ऑफिस से मिलने वाला राजस्व घटकर 3,000 करोड़ रुपये रह गया था जो उससे पिछले वर्ष के मुकाबले एक चौथाई थी।    
कोविड की दूसरी लहर के बावजूद वित्त वर्ष 2022 में इसकी वापसी करने की उम्मीद थी। इस उम्मीद को पिछले नवंबर में अक्षय कुमार की सूर्यवंशी की सफलता से बल मिला जब प्रतिबंधित क्षमता के साथ महाराष्ट्र में सिनेमा घरों को खोला गया और 25 से 30 फीसदी ब्लॉकबस्टर फिल्में रिलीज होने के लिए तैयार थीं। बॉक्स ऑफिस से मिलने वाले राजस्व का 35 फीसदी महाराष्ट्र से ही हासिल होता है।
फिर भी, जनवरी में देश में महामारी की तीसरी लहर आने से उम्मीद के मुताबिक वृद्घि नहीं हुई। मार्च के बड़े प्रदर्शन के बावजूद बॉक्स आफिस का राजस्व 4,500 करोड़ रुपये से 5,000 करोड़ रुपये पर पहुंचा।
मल्टीप्लेक्स एसोसएिशन ऑफ इंडिया (एमएआई) बॉक्स ऑफिस के संग्रहों में इजाफा होने की तीन वजहें बताती है- पहला सभी स्क्रीन खुले हैं और चल रहे हैं, 22 महीने से अधिक के अंतराल के बाद टिकट की कीमतें करीब 20 फीसदी बढ़ चुकी हैं और टिकट महंगे होने के बावजूद सिनेमा घरों में क्षमता उपयोगिता वित्त वर्ष 2020 की तुलना में 6-7 फीसदी तक बढ़ चुकी है।    
इसके अलावा, कई फिल्मों ने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किए हैं जिनमें मार्च में रिलीज हुई कश्मीर फाइल्स और फरवरी में रिलीज हुई गंगूबाई काठियावाड़ी शामिल हैं। इस कड़ी में मार्च में रिलीज हुई आरआरआर भी शामिल है जिसे हिंदी में डब किया गया था और सभी भाषाओं में हुए राजस्व संग्रह को मिलाकर उसे  1,133 करोड़ रुपये हासिल हुए थे।
यह रुझान अप्रैल में भी जारी रहा जब मात्र एक फिल्म केजीएफ2 (इसे भी हिंदी में डब किया गया था) ने घरेलू बॉक्स ऑफिस में सभी भाषाओं में 1,185 करोड़ रुपये हासिल किए।  

First Published - May 21, 2022 | 12:23 AM IST

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