सोमवार के रिकॉर्ड टीकाकरण में सर्वाधिक योगदान करने वाले तीन राज्यों में से दो में टीकाकरण की इस उछाल से पहले कई दिनों तक दो अंकों की गिरावट देखी गई है। सोमवार को रिकॉर्ड स्थापित करने वाले 87 लाख टीकाकरण में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश ने 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान किया है। शाम के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार शीर्ष राज्य मध्य प्रदेश ने बुधवार को भी 10 लाख से अधिक टीकाकरण दर्ज किया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर दी गई 59.7 लाख खुराक का 17.6 प्रतिशत हिस्सा है।
इस रिकॉर्ड से पहले मध्य प्रदेश ने सात में से चार दिन गिरावट दिखाई थी, जिसका दायरा 50 प्रतिशत से 98 प्रतिशत तक रहा है। यह गिरावट रिकॉर्ड वाले दिन के पास आने तक बदतर हो गई थी। उत्तर प्रदेश में दो दिन मामूली गिरावट ही नजर आई। कर्नाटक में इन विचाराधीन सात में से पांच दिन टीकाकरण औसत दर से कम रहा। इन सभी पांच दिनों में यह गिरावट दो अंकों में रही।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने सोमवार से पहले सात दिनों के दौरान किए गए टीकाकरण की समीक्षा की है। प्रत्येक दिन की दैनिक खुराक की तुलना इन तीन राज्यों में पिछले दो सप्ताह के दौरान उसी दिन दी गई खुराक की औसत संख्या से की गई है। राष्ट्रीय आंकड़े मोटे तौर पर सोमवार के रिकॉर्ड से पहले तक कुछ राज्यों में देखी गई गिरावट को नहीं दिखाते हैं।
मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार और शुक्रवार को टीकाकरण की संख्या कम है, क्योंकि राज्य सप्ताह में केवल चार दिन ही टीकाकरण करता है। रविवार को भी सरकारी केंद्रों में टीकाकरण नहीं किया जाता है, क्योंकि स्वास्थ्य कर्मचारी छुट्टी लेते हैं। सोमवार को राज्य में टीकाकरण की संख्या बढ़कर 17 लाख हो गई।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एम सुलेमान ने कहा ‘हमारी सबसे बड़ी दिक्कत टीके की हिचकिचाहट थी। देहाती इलाकों से तकरीबन 70 प्रतिशत खुराक बिना खपत के वापस आ जाती थी। इसलिए हमने अपनी सारी ऊर्जा 21 जून के मद्देनजर लगा दी।’
अधिकारी ने कहा कि राज्य ने अपने सभी विधानसभा सदस्यों (विधायकों), धार्मिक नेताओं और सभी 14,000 टीकाकरण स्थलों पर 1,00,000 से अधिक वॉलंटियरों को लोगों को इस बात के लिए जागरूक करने के लिए जुटाया कि टीकाकरण सुरक्षित और उपयोगी है। सुलेमान ने कहा ‘हमने प्रत्येक केंद्र में एक व्यक्ति को प्रेरक के रूप में रखा था। हमारे लिए एक दिन का रिकॉर्ड मायने नहीं रखता है। यह छह महीने का काम है।’ उन्होंने यह भी कहा कि इस सारी तैयारी की वजह यह भी थी कि बड़ी शुरुआत से पहले सप्ताहांत के दौरान टीकाकरण की सं ख्या धीमी हो गई थी। मध्य प्रदेश अपनी सभी पात्र आबादी को सितंबर के अंत तक कम से कम एक खुराक और दिसंबर तक दोनों खुराक देना चाहता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 70 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं, जिनमें 26,000 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में और 26,000 से अधिक उप-स्वास्थ्य केंद्रों में हैं। टीके की लगभग 80 प्रतिशत खुराक अब तक ऑन-साइट टीकाकरण वाले तरीके से दी गई है। नई टीका नीति इंटरनेट की पहुंच और उपलब्धता से संबंधित मसलों के समाधान के लिए सभी श्रेणियों में वॉक-इन पंजीकरण की अनुमति देती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि उन लोगों के लिए टीकाकरण सत्र आयोजित करने की खातिर विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिनके पास नौ में से कोई भी पहचान पत्र या मोबाइल फोन न हो। ऐसे 2,00,000 से अधिक लाभार्थियों का टीकाकरण किया जा चुका है। इस रिकॉर्ड के अगले ही दिन राष्ट्रीय टीकाकरण की संख्या 32.7 प्रतिशत लुढ़ककर 59 लाख खुराक रह गई। अंतिम स्तर के आंकड़े आम तौर पर कुछ अंतराल के बाद उपलब्ध होते हैं। अगले दिन उपलब्ध मंगलवार के आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के टीकाकरण में 18.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। मध्य प्रदेश और कर्नाटक दोनों के ही टीकाकरण में सोमवार की संख्या की तुलना में 50 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई।
टीकों की धीमी गति के साथ ढील सही नहीं
वैश्विक स्तर पर पूर्वानुमान लगाने वाली कंपनी ऑक्सफर्ड इकनॉमिक्स ने बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 के नए मामलों में कमी के बीच राज्यों द्वारा प्रतिबंध हटाने की रणनीति समझदारी भरी नहीं है क्योंकि कई राज्यों में कोविड टीकाकरण की रफ्तार अभी भी काफी धीमी है। ऑक्सफर्ड इकनॉमिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘हम सतर्क हैं। वर्ष 2021 में हमारा वृद्धि अनुमान भारत के लिए 9.1 प्रतिशत ही है।’ देश के कई राज्यों ने कोरोना के नए मामलों और पॉजिटिविटी दर में कमी के बाद कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दे दी है। ऑक्सफर्ड इकनॉमिक्स ने कहा कि अधिक आबादी वाले और आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण राज्यों में सामाजिक दूरी के उपायों को आसान बनाने के लिए टीकाकरण की दर सुरक्षित समझे जाने वाले स्तरों से फिलहाल काफी नीचे है। उसने अपनी रिपोर्ट में यह भी माना कि आर्थिक प्रतिबंधों के वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान भी रहने की संभावना है। हालांकि उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज रफ्तार से प्रतिबंधों में ढील शुरू हो गई है। ऑक्सफर्ड इकनॉमिक्स ने कहा, ‘हमें लगता है कि राज्यों की खोलने की रणनीति समझदारी भरी नहीं है और इससे कोरोना के मामलों में फिर वृद्धि हो सकती है, जिससे भविष्य में फिर प्रतिबंधों को लगाना पड़ सकता है।’
टीका तैयार करने वालों को स्पेन से मिलेगा पुरस्कार
कोविड-19 टीका तैयार करने वाले सात शोधकर्ताओं को विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए स्पेन के प्रतिष्ठित प्रिंसेस ऑफ एस्टुरियस पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कार समिति ने बुधवार को हंगरी के कटालिन करिको, अमेरिका के ड्रीयू वीसमैन और फिलिप फेगनर, जर्मनी के उगुर साहिन और ओजलेम तुरेकी, कनाडा के डेरिक रोसी के अलावा ब्रिटेन की सारा गिल्बर्ट को इस साल के पुरस्कार विजेता के तौर पर चुनने की घोषणा की। समिति ने कहा, ‘शोधकर्ता विज्ञान के इतिहास में सबसे उत्कृष्ट उपलब्धि पाने वालों में शुमार रहे। अपने लंबे शोध करियर के साथ ही उन्होंने कोविड महामारी से लड़ाई के लिए कम समय में कारगर टीका विकसित करने में योगदान दिया।’ भाषा