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क्रिकेट पर लुटेंगे 40,000 करोड़!

Last Updated- December 11, 2022 | 10:57 PM IST

अगले साल देश के इतिहास में खेल प्रसारण अधिकारों की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी होने जा रही है। इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रसारण और डिजिटल कंपनियां 40,000 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम जुटा रही हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप में खास तौर पर क्रिकेट को लेकर दीवानगी है और इस खेल में दो सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों के लिए प्रसारण अधिकार नीलाम होने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक ट्वेंअी-20 टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2023 से अगले पांच साल तक के प्रसारण एवं डिजिटल अधिकारों की निविदा इस महीने के आखिर या अगले साल जनवरी तक जारी होने के आसार हैं। नीलामी फरवरी में होने के आसार हैं।
इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) प्रसारण अधिकारों की नीलामी करेगा, जिसका विभिन्न विश्व कप स्पद्र्घाओं के लिए प्रसारण एवं डिजिटल अधिकारों का अनुबंध 2023 में समाप्त होगा। सूत्रों का कहना है कि अगले साल मार्च-अप्रैल में नीलामी के दौरान ये अधिकार खरीदे जा सकेंगे।
स्टार ने 2022 तक पांच साल के लिए आईपीएल के प्रसारण अधिकार 16,347 करोड़ रुपये में जीते थे। संभावित बोलीदाओं के मुताबिक इस बार अधिकार जीतने के लिए दोगुनी रकम की बोली लगानी पड़ सकती है। इसकी वजह यह है कि अब दो टीमें बढ़ गई हैं और 14 मैच ज्यादा होंगे। इस बार वायाकॉम 18 (खेल चैनल ला रही है) के जरिये मुकेश अंबानी, एमेजॉन प्राइम, सोनी (जी के साथ विलय की योजना), गूगल और फेसबुक भी होड़ में आ सकती हैं।
आईसीसी की बोली स्टार टीवी ने आठ साल के लिए 11,880 करोड़ रुपये चुकाकर जीती थी। लेकिन इस बार भारतीय टीम के मैच कम हैं। 3032 से 2023 तक टीम छह टूर्नामेंट में केवल 28 दिन खेलेगी। टीम इंडिया सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंची तो मैच बढ़ सकते हैं। इनमें हाल में संपन्न आईसीसी टी20, आईसीसी पुरुष विश्व कप 2023 और वर्ष 2022 में होने वाला अगला टी-20 विश्व कप शामिल हैं।
हालांकि आईसीसी टूर्नामेंट मैचों की दर्शक संख्या में भारतीय उप-महाद्वीप का पलड़ा भारी है, जिसका टूर्नामेंट की कुल टीवी दर्शक संख्या में 60 से 65 फीसदी हिस्सा है। इसमें भारत का सबसे ज्यादा योगदान है। हाल में आयोजित टी-20 विश्व कप में भारत -पाकिस्तान मैच में भारत हारा था, जिसमें आईसीसी को रिकॉर्ड 16.7 करोड़ दर्शक मिले। भारत के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद दर्शकों ने पूरी स्पद्र्घा के दौरान टेलीविजन पर 112 अरब मिनट तक स्टार के चैनल देखे। यही वजह है कि आईसीसी इस लोकप्रियता को भुनाने के लिए एकमुश्त अधिकार बेचने के बजाय क्षेत्रवार अधिकार बेचने की योजना बना रहा है। साफ तौर पर सबसे लुभावना क्षेत्र भारतीय उपमहाद्वीप है।
दूसरा, इस वजह से आईसीसी अधिकारों की अवधि आठ साल से घटाकर चार साल करने की सोच रहा है। तीसरा, वह कंपनियों को अलग से अधिकारों की बोली लगाने का विकल्प देने के बारे में विचार कर रहा है। उदाहरण के लिए केवल डिजिटल, केवल प्रसारण और दोनों के लिए संयुक्त बोली।
नीलामी में हिस्सा लेने की संभावना वाली एक कंपनी के संस्थापक ने कहा, ‘आईसीसी क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग डिजिटल अधिकार देगा तो उसे ज्यादा कीमत मिल सकती है। कोई कंपनी संयुक्त बोली लगाना चाहती है तो उसे सभी क्षेत्रवार बोलियों की रकम जोडऩी होगी और जोड़ से ज्यादा की बोली लगानी होगी।’
हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर अधिकार चार साल के लिए दिए जाएंगे और विजेता को केवल उप महाद्वीप के अधिकार मिलते हैं तो इनकी कीमत करीब 8,000 करोड़ रुपये होगी, जो स्टार द्वारा चुकाई गई राशि के लगभग बराबर होगी।

First Published - December 10, 2021 | 11:28 PM IST

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