विधान परिषद की 11 सीटों पर होने वाले चुनाव पर रोक लगाने के लिए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना (यूबीटी) उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
शिवसेना (यूबीटी) का दावा है कि जब विधायकों की अयोग्यता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है। ऐसे में विधान परिषद चुनाव कराना असंवैधानिक है। महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 12 जुलाई को चुनाव होने हैं।
शिवसेना (यूटीबी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि विधान परिषद की 11 सीटों के लिए तब तक चुनाव नहीं होना चाहिए, जब तक कि निचले सदन के कुछ सदस्यों से संबंधित अयोग्यता याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय कोई फैसला नहीं सुना देता। उनकी पार्टी आगामी महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
अयोग्यता याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि सत्तारूढ़ शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि ऐसे हालात में जब विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है और मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में चल रही है, इन विधायकों द्वारा एमएलसी का चुनाव करना असंवैधानिक है। उन्हें मत देने का कोई अधिकार नहीं है। हम सर्वोच्च न्यायालय में यह बात रखेंगे कि यह चुनाव असंवैधानिक और अवैध है तथा इन पर रोक लगाई जानी चाहिए।
गौरतलब है कि शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उसके बागी विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं करने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
12 जुलाई को होगा मतदान
चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा की। विधानसभा के सदस्यों (एमएलए) की तरफ से चुने गए 11 विधान परिषद सदस्यों (MLC) का छह साल का कार्यकाल 27 जुलाई को कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
चुनाव आयोग की अधिसूचना में कहा गया है कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि दो जुलाई है और अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि पांच जुलाई है। 12 जुलाई को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच मतदान होगा और उसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना होगी ।
एक उम्मीदवार को जीतने 23 वोटों की पड़ेगी जरूरत
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 विधायक है। इसमें से 274 विधायक मतदान कर सकेंगे। सात विधायक सांसद बन गए हैं इसलिए वे विधायक पद से इस्तीफा दें दिया है या फिर चुनाव से पहले इस्तीफा देंगे। अशोक चव्हाण राज्यसभा चले गए। उन्होंने भी पहले ही इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस के सुनील केदार अपात्रता की दौर से गुजर रहे हैं। चार विधायक का निधन हो गया है। इसके चलते उनकी सीट खाली है। चुनाव जीतने के लिए 23 मतों का कोटा आवश्यक होगा। ऐसे में इस चुनाव में भाजपा का पलड़ा भारी रहने वाला है।