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सिब्बल ने आईटी नियमों में संशोधन को लेकर सरकार की आलोचना की

उन्होंने कहा कि अब सरकार तय करेगी कि क्या फर्जी है और क्या नहीं, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है

Last Updated- April 08, 2023 | 11:43 AM IST
kapil sibal

पूर्व सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री कपिल सिब्बल ने आईटी संशोधन नियमों के फैक्ट चेक (तथ्य-जांच) प्रावधानों को लेकर केंद्र पर शनिवार को हमला बोला।

उन्होंने कहा कि अब सरकार तय करेगी कि क्या फर्जी है और क्या नहीं, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी इंटरनेट कंपनियां अगर सरकार द्वारा अधिसूचित फैक्ट चेकर (तथ्य-अन्वेषक) द्वारा किसी जानकारी को गलत या भ्रामक बताने के बाद उसे हटाने में नाकाम रहती हैं, तो वे अपना संरक्षण गंवा सकती हैं।

राज्यसभा के सदस्य सिब्बल ने कहा, “अब सरकार तय करेगी कि क्या फर्जी है और क्या नहीं। और अमित शाह जी कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है।”

शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ब्रिटेन में की गई हालिया टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा था क‍ि लोकतंत्र खतरे में नहीं है, बल्कि ‘आपका परिवार’ तथा परिवारवाद की राजनीति खतरे में है। सिब्बल इसी टिप्पणी का हवाला दे रहे थे।

चंद्रशेखर ने कहा था कि आईटी मंत्रालय एक संस्था को अधिसूचित करेगा, जो सरकार के संबंध में डाली गई ऑनलाइन सामग्री को झूठी सूचना के तौर पर चिन्हित करेगी।

आईटी नियम 2021 के तहत दिशा-निर्देश जारी करते हुए मंत्री ने कहा था कि फैक्ट चेक पर काम अभी जारी है। उन्होंने नियमों को लेकर हो रही आलोचना को ‘‘जानबूझकर फैलाई गई गलत सूचना’’ बताकर उन्हें शुक्रवार को खारिज कर दिया था।

चंद्रशेखर ने ट्विटर पर कहा, ‘‘कोई व्यापक अधिकार नहीं हैं, न ही यह ‘दमन’ है। आईटी नियमों में अक्टूबर 2022 से ही ऐसे प्रावधान हैं, जो सोशल मीडिया मध्यवर्ती (संस्थानों) को आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत छूट प्राप्त कुछ खास प्रकार की सामग्री को प्रसारित नहीं का निर्देश देते हैं।’’

First Published - April 8, 2023 | 11:24 AM IST

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