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कांग्रेस पर भारी पड़ने लगा सावरकर का अपमान, नरम पड़े पार्टी के तेवर

Last Updated- March 28, 2023 | 9:49 PM IST
Due to the resignation of Sharad Pawar, a ruckus started in the MVA as well.

कांग्रेस की तरफ से वीडी सावरकर की लगातार की जा रही आलोचना ने महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन में तनाव पैदा कर दिया। इस तनाव को कम करने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार सक्रियता के चलते कांग्रेस सावरकर को लेकर अपना रुख नरम करने पर सहमत हो गई है। दूसरी तरफ भाजपा इस मुद्दे पर राहुल गांधी के साथ उद्धव ठाकरे को भी निशाने में ले रही है। भाजपा पूरे राज्य में वीर सावरकर गौरव यात्रा निकालने की तैयारी कर रही है।

कांग्रेस द्वारा सावरकर की आलोचना की वजह से महाराष्ट्र में उसके गठबंधन साझेदार राकांपा और शिवसेना में बेचैनी पैदा हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में पवार ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि महाराष्ट्र में श्रद्धेय माने जाने वाले सावरकर को निशाना बनाना महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन की मदद नहीं करेगा। बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे। पवार ने बताया कि सावरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं थे और इस बात को रेखांकित किया कि विपक्षी दलों की असली लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के साथ है। जिसके बाद कांग्रेस इस मुद्दे पर अपने तेवर नरम करने पर सहमत भी हो गई।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सावरकर पर हमले के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी और कहा था कि उनकी पार्टी स्वतंत्रता सेनानी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट विरोध स्वरूप खड़गे की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुआ। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो वर्ष की जेल की सज़ा सुनाए जाने के चलते लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के बाद कहा था कि मेरा नाम सावरकर नहीं है। मेरा नाम गांधी है, और गांधी किसी से भी माफी नहीं मांगते हैं।

भाजपा महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले कहा कि उद्धव ठाकरे यह कहकर सिर्फ नाटक कर रहे हैं कि सावरकर का अपमान का स्वीकार्य नहीं है जबकि राहुल गांधी पिछले तीन वर्षों से सावरकर को निशाना बना रहे हैं। ठाकरे को मुख्यमंत्री रहने के दौरान सिर्फ अपने और अपने बेटे के मंत्री पद को लेकर चिंता थी। शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने सावरकर का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं किया लेकिन उद्धव हर दिन इसे बर्दाश्त कर रहे हैं। आप कहते हैं कि सावरकर का अपमान अस्वीकार्य है। अगर ऐसा है तो आप एमवीए क्यों नहीं छोड़ रहे हैं? बावनकुले ने कहा कि भाजपा 30 मार्च से छह अप्रैल तक महाराष्ट्र के सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में वीर सावरकर गौरव यात्रा निकालेगी। जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 40 विधायक भी शिरकत करेंगे।

गौरतलब है कि एमवीए 2019 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद बना था जो जून 2022 तक सत्ता में रहा। इसमें शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल है।

First Published - March 28, 2023 | 9:49 PM IST

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