भारतीय यात्रा एवं आतिथ्य सेवा उद्योग जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पुनर्जीवित करने की तैयारी कर रहा है। वहां के अधिकतर लोगों की रोजीरोटी पर्यटन से जुड़ी है, मगर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण इस साल के पीक सीजन में वहां का पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस ऑफ इंडियन टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी (फेथ), ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) और इंडियन एसोसिएशन टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को रफ्तार देने के लिए होटल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के प्रमुख सदस्यों के साथ राज्य का दौरा करने वाले हैं। इन संगठनों का प्रतिनिधिमंडल अगले कुछ सप्ताहों में श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम जा रहा है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल वास्तव में सुरक्षित हैं।
फेथ के कोषाध्यक्ष बॉबी केएस साहनी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने श्रीनगर के तमाम टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों से बात की है और श्रीनगर, गुलमर्ग एवं पहलगाम के लिए अपनी यात्रा सुनिश्चित की है। हम अपने करीब 50 टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों को इन जगहों पर ले जाएंगे। हम व्यक्तिगत तौर पर यह संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर की यात्रा करना बिल्कुल सुरक्षित है।’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क करते हुए यात्रा की तारीखों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आईएटीओ ‘रूबरू जम्मू-कश्मीर’ नाम से चार दिवसीय यात्रा का आयोजन कर रहा है। इसमें एसोसिएशन की कार्यकारी समिति सहित 22 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर और पहलगाम का दौरा करेगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि गोसाईं प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जिसमें टूर ऑपरेटर और इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारी भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग के साथ एकजुटता दिखाने का एक प्रयास है। इसे इंडिगो एयरलाइंस के अलावा जम्मू-कश्मीर के स्थानीय होटलों, टूर ऑपरेटरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों का समर्थन मिलेगा। यात्रा 14 से 17 जून तक होगी और इस दौरान हम श्रीनगर और पहलगाम का दौरा करेंगे।’
गोसाईं ने कहा, ‘आईएटीओ ने इस यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पर्यटन सचिव एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठकें करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा स्थानीय टूर ऑपरेटरों और पर्यटन से जुड़े अन्य हितधारकों से भी मुलाकात करने की योजना है।’
उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, देश भर से शीर्ष 100 से 150 टूर ऑपरेटरों और ट्रैवल एजेंटों की पहचान की गई है जो आगामी सप्ताहों के दौरान जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे।
होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और रेडिसन होटल ग्रुप के चेयरमैन (दक्षिण एशिया) केबी काचरू ने कहा, ‘सबसे पहले ट्रैवल एजेंटों का उद्योग संगठन जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा। हर संगठन अपना योगदान देगा। हम सब एक साथ वहां जाकर इसे महज एक कार्यक्रम नहीं बनाना चाहते हैं, बल्कि इन दौरों का एक उद्देश्य है। इस दौरान हम लोगों से मिलेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे उन जगहों का प्रचार-प्रसार करने, कारोबार बढ़ाने और जमीनी स्तर पर चीजों को बेहतर करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है।’
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से पर्यटन को तगड़ा झटका लगा है। उस हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी जिनमें से 25 पर्यटक थे। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया और भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई की। संघर्ष विराम के बाद तनाव कम हुआ लेकिन जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम, श्रीनगर, कटरा एवं अन्य जगहों के अलावा पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाकों से पर्यटक अपने घर लौटने लगे। इतना ही नहीं आगामी यात्रा बुकिंग भी तेजी से रद्द हो गईं।
ऐसे में स्थानीय होटलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ जो मुख्य रूप से पर्यटन पर निर्भर होते हैं। यात्रा पोर्टल के अधिकारियों के अनुसार, बुकिंग की रफ्तार अभी भी पहलगाम हमले से पहले जैसी नहीं हो पाई है।
रैडिसन, ललित होटल्स, आईएचसीएल एवं अन्य ब्रांडेड होटल श्रृंखलाएं भी इससे प्रभावित हुई हैं। मगर उम्मीद की जा रही है कि इन प्रयासों से उन्हें फायदा होगा। जम्मू-कश्मीर में होटल एवं आतिथ्य सेवा उद्योग काफी हद तक घरेलू पर्यटकों पर निर्भर रहा है जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात और यहां तक कि महाराष्ट्र से आते हैं।
काचरू ने कहा, ‘उद्योग काफी उम्मीद के साथ सतर्क है। हमें पता है कि इस सीजन का कारोबार काफी हद तक प्रभावित हुआ है। मगर मुझे लगता है कि लोगों को बातचीत, प्रचार-प्रसार और सरकारी कार्रवाई के जरिये जब पता चलेगा कि सुरक्षा चाक-चौबंद है और लोगों ने यात्रा शुरू कर दी है तो उसका काफी असर पड़ेगा।’
रैडिसन की जम्मू-कश्मीर में काफी मौजूदगी है। कश्मीर में उसके 5 होटल हैं जबकि जम्मू में चार। पहलगाम में भी उसका एक लक्जरी होटल तैयार हो रहा है। ललित होटल्स और आईएचसीएल के ताज के साथ यह अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखला राज्य के सबसे पुराने आतिथ्य सेवा ब्रांड है।
ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योत्सना सूरी ने कहा, ‘कश्मीर में पर्यटन वापस आएगा। यह एक दमदार उद्योग है। धीरे-धीरे लोग वापस जाने लगे हैं। कश्मीर के लिए उड़ानें रोजाना दो से तीन तक सीमित हो गई थीं जो बढ़कर 20 तक पहुंच चुकी हैं। जाहिर तौर पर लोगों की वापसी होने लगी है।’