लोकल ट्रेन में सफर पर लगे प्रतिबंधों में छूट देने को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अदालत ने भी राज्य सरकार को कॉमन कार्ड देने पर विचार करने को कहा ताकि वे बिना रोक टोक अपनी यात्रा एवं काम कर सकें। रेलवे का कहना है कि अगर राज्य सरकार मुंबई की लोकल ट्रेन में आम लोगों को यात्रा करने की मंजूरी देने के संबंध में प्रस्ताव दे, तो एक बार फिर इस सेवा को आम लोगों के लिए बहाल किया जा सकता है। राज्य सरकार जल्द फैसला लेने की बात कर रही है।
इस साल कोविड-19 महामारी की खतरनाक दूसरी लहर की वजह से अप्रैल में यहां उपनगरीय ट्रेन सेवा आम लोगों के लिए निलंबित कर दी गई थी। मौजूदा समय में सिर्फ़ सरकारी कर्मचारी और अनिवार्य सेवा मुहैया करा रहे लोग ही लोकल ट्रेन में यात्रा कर सकते हैं। कारोबारी और यात्री संगठन आम लोगों के लिए सेवा बहाल करने की मांग कर रहे हैं जिस पर केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि मुंबई में आम लोगों को लोकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति देने के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय मंजूरी देगा। हालांकि, हमें राज्य सरकार से ऐसा कोई पत्राचार अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। रेल प्रशासन आम लोगों द्वारा इस सेवा का लाभ लेने के खिलाफ नहीं है।
मुंबई में स्थानीय ट्रेनों में यात्रा करने के लिए वकीलों, न्यायिक क्लर्कों और कर्मचारियों, पत्रकारों और टीके की दोनों खुराकें लगवा चुके अन्य लोगों को अनुमति देने के लिए दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों की पहचान कर उन्हें अन्य लोगों से अलग करने और ‘कॉमन कार्ड’ देने पर विचार करे ताकि वे बिना रोक टोक अपनी यात्रा एवं काम कर सकें। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को स्थानीय ट्रेनों में यात्रा करने और महामारी से पूर्व की गतिविधियां करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने अदालत को बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से वकीलों और पंजीकृत न्यायिक क्लर्कों के लिए एक पत्र जारी किया जाएगा, जिसके आधार पर रेलवे उन्हें स्थानीय ट्रेनों में यात्रा करने के लिए पास जारी करेगा।
अदालत ने कहा कि एक तिहाई आबादी अब भी वायरस के प्रति संवेदनशील है। फिर, इस एक-तिहाई आबादी को दो-तिहाई से या पूरी तरह से टीकाकरण करने वाले लोगों से अलग किया जाना चाहिए। कम से कम उन्हें एक कार्ड मुहैया कराना चाहिए जो उनकी पूर्ण टीकाकरण कराने वाले के तौर पहचान करे। अदालत ने कहा कि कुछ पश्चिमी देशों में लोग सार्वजनिक परिवहन के लिए ऐसे कार्डों का इस्तेमाल करते हैं। अदालत ने कहा कि आपके पास एक कॉमन कोर्ड हो सकता है जिसका इस्तेमाल हर उस चीज के लिए पहचान पत्र के तौर पर किया जा सकता है, जिसकी पूर्ण टीकाकरण कराने वाले लोगों को अनुमति है जिसमें विदेश यात्रा भी शामिल है। महाराष्ट्र और केंद्र के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे कॉमन कार्ड के विचार पर चर्चा करेंगे। अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को 12 अगस्त तक एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें पूर्ण टीकाकरण कराने वाले नागरिकों को शहर में स्थानीय ट्रेनों के उपयोग की अनुमति देने के लिए प्रस्तावित योजना प्रस्तुत की जाए।
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने कोविड़ प्रतिबंधों में छूट दी, लेकिन लोकल में सफर करने की छूट नहीं दी गई। सरकार के फैसले से लोगों में निराशा और नाराजगी भी है जिस पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को कहा था कि मुंबई लोकल ट्रेनों में छूट पर लिया गया फैसला फिलहाल रोक रखा है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे। गौरतलब है कि कई यात्री संगठन आम लोगों के लिए यह सेवा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। भाजपा और मनसे भी सरकार से टीके की दोनों खुराक लेने वाले यात्रियों को सफर करने देने की इजाज़त दिए जाने की मांग कर चुके हैं। सरकार ने सोमवार की शाम प्रदेश के 25 ज़िलों में संक्रमण के मामलों में गिरावट के मद्देनजर कई तरह की राहत प्रदान करने की घोषणा की, लेकिन लोकल ट्रेन में आम लोगों को यात्रा करने देने के संबंध में कोई निर्णय नहीं किया ।
