facebookmetapixel
2026 में सोना-चांदी का हाल: रैली जारी या कीमतों में हल्की रुकावट?Gujarat Kidney IPO की शेयर बाजार में पॉजिटिव एंट्री, 6% प्रीमियम पर लिस्ट हुए शेयरGold silver price today: सोने-चांदी के दाम उछले, MCX पर सोना ₹1.36 लाख के करीबDelhi Weather Today: दिल्ली में कोहरे के चलते रेड अलर्ट, हवाई यात्रा और सड़क मार्ग प्रभावितNifty Outlook: 26,000 बना बड़ी रुकावट, क्या आगे बढ़ पाएगा बाजार? एनालिस्ट्स ने बताया अहम लेवलStock Market Update: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, सेंसेक्स 50 अंक टूटा; निफ्टी 25900 के करीबबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांसStocks To Watch Today: InterGlobe, BEL, Lupin समेत इन कंपनियों के शेयरों पर आज रहेगा फोकसYear Ender: भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए 2025 चुनौतियों और उम्मीदों का मिला-जुला साल रहानवंबर में औद्योगिक उत्पादन 25 महीने में सबसे तेज बढ़ा, विनिर्माण और खनन ने दिया बढ़ावा

मिलेगा बिजली बचाने का क्रेडिट

Last Updated- December 07, 2022 | 9:01 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ‘स्वच्छ विकास तंत्र’ नाम वाली एक परियोजना पर काम कर रही है जिससे राज्य में प्रतिदिन 2,000 मेगावाट बिजली की बचत होगी।


बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। इस परियोजना के लागू होने से कार्बन के उत्सर्जन में कमी आएगी जिससे शेयरधारक 20 लाख कार्बन क्रेडिट की कमाई कर सकेंगे। स्वच्छ विकास तंत्र  परियोजना के तहत राज्य भर में घरेलू तापदीप्त बल्बों को हटाकर उच्च तकनीक वाले कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप (सीएफएल) लगाए जाएंगे। यूपीपीसीएल सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए इस दिशा में कदम बढ़ाएगा।

यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक अवनीश अवस्थी ने बताया कि परियोजना से बिजली की मांग और आपूर्ति की बीच की खाई को पाटने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर यह उम्मीद की जा रही है कि इससे प्रतिदिन 2000 मेगावाट बिजली की बचत संभव हो सकेगी। इसके अतिरिक्त इस परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जाएगा।

यूपीपीसीएल ने परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए दो कंपनियों के साथ समझौता किया है। ये कंपनियां मुंबई की कैंटॉरसीओटू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और हैदराबाद की बनयान इनवायरमेंटल इनोवेशंस प्राइवेट लिमिटेड है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार परियोजना के पूरा हो जाने के बाद शेयरधारक परामर्शदाता करीब 20 लाख कार्बन क्रेडिट की कमाई कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश में यूपीपीसीएल के करीब 9 लाख घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता हैं। एक अनुमान के मुताबिक 1,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने के लिए एक लाख टन कोयले की आवश्यकता होगी। अवस्थी ने बताया कि समझौता शर्तों के अनुसार सलाहकारों को इस महीने में परियोजना को शुरू करना होगा। उन्होंने बताया कि  संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था के कार्यकारी बोर्ड यूएन फ्रेमवर्क कन्वेंशन फॉर क्लाइमेट चेंज के पास भी इस परियोजना का पंजीकरण करवाया जाएगा। इस परियोजना के प्रमुख अजीत कुमार सक्सेना ने बताया कि राज्य के दो गांवों में इस मॉडल को उतारने के लिए मुख्यमंत्री ने भी हरी झंडी दे दी है।

ये गांव वीरसिंहपुर और थावर हैं। उच्च तकनीक वाले 20 वॉट के सीएफएल बाजार में मौजूद साधारण सीएफएल के मुकाबले ऊर्जा की कम खपत करते हैं। सक्सेना ने बताया, ‘सीएफएल बल्बों को 10 से 12 रुपये में बेचा जाएगा। यह अन्य बल्बों के मुकाबले किफायती होगा। सीएफएल का न्यूनतम जीवन 6,000 घंटे के होगा।’ एक अनुमान के मुताबिक इस परियोजना के तहत करीब 12 लाख तापदीप्त बल्बों को बदला जाएगा।

इसमें करीब 100 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना व्यापक प्रचार अभियान में दो सलाहकार शामिल होंगे होंगे और सीएफएल का बाजार बनाने के लिए खुद का नेटवर्क तैयार करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि घटी दरों पर सीएफएल मिलने से लोगों में यह योजना तेल से लोकप्रिय होगी।

First Published - July 3, 2008 | 9:15 PM IST

संबंधित पोस्ट