facebookmetapixel
Infosys के ₹18,000 करोड़ के ‘बायबैक’ की रिकॉर्ड डेट आज: जानें निवेशक कब कर पाएंगे शेयर टेंडरGold Price Today: सोना ₹1.27 लाख के करीब, चांदी में 500 रुपये की तेजी; जानें ताजा भावIndiGo पर ₹5,700 लगाकर ₹24,300 तक कमाने का मौका! HDFC सिक्योरिटीज ने बताई दमदार बुल स्प्रेड स्ट्रैटेजीमुफ्त योजनाएं भारत के रुपये को बना रहीं कमजोर: क्रिस्टोफर वुड की रिपोर्टBihar Election Results 2025 LIVE: शुरुआती रुझानों में NDA ने बहुमत का आंकड़ा पार किया- चुनाव आयोगStock Market Update: आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार में दबाव, सेंसेक्स 350 अंक टूटा; निफ्टी 25800 के नीचे फिसलाBihar Assembly elections 2025: राघोपुर से लेकर अलीनगर तक, इन 8 हॉट सीट पर रहेंगी सभी की नजरेंQ2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबाव

सरकार दे रही ‘दवा’, सुधार की गुंजाइश कहां!

Last Updated- December 08, 2022 | 2:06 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) और रेपो रेट में कमी किए जाने और इस्पात की कीमतों में बड़ी कंपनियों द्वारा कीमत घटाए जाने के बाद भी दिल्ली और एनसीआर इलाके में मकान की कीमतों में कमी के आसार नहीं दिख रहे हैं।


लैंडक्राफ्ट डेवलपर्स के निदेशक मनु गर्ग ने बताया, ‘मकान आदि के निर्माण में प्रति वर्ग फीट 4.5 से 5 किलोग्राम इस्पात का इस्तेमाल किया जाता है। अगर इस्पात की कीमतों में 6000 रुपये प्रति टन की कमी होती है, तो इसका मतलब है कि आवासीय निर्माण में 25 से 30 रुपये प्रति वर्ग फीट की बचत होगी। लागत मूल्य में इस बचत से डेवलपरों को थोड़ी बहुत राहत जरूर मिलेगी।’

रियल एस्टेट कंपनी एसवीपी के सीईओ सुनील जिंदल ने कहा, ‘इस्पात की कीमतों में हुई कमी से बुनियादी ढांचा निर्माण क्षेत्र को फायदा होगा। रियल एस्टेट डेवलपरों को इससे बहुत असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। इससे लागत मूल्य में महज 1-2 फीसदी की कमी होगी, जिसके आधार पर मकान आदि की कीमतों में कोई बहुत बड़ा अंतर देखने को नहीं मिलेगा।’

गर्ग ने बताया, ‘आरबीआई द्वारा दरों में कटौती, एक स्वागत योग्य कदम है। अगर ग्राहकों के लिए फायदेमंद बनाने का लक्ष्य है, तो इसके लिए बैंको को होम लोन की दर कम करनी होगी। साथ ही बैंकों को सस्ती दरों पर वित्त पोषण करने संबंधी बातों पर ध्यान देना होगा’

First Published - November 4, 2008 | 9:10 PM IST

संबंधित पोस्ट