दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 मामलों के कारण दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है। यह सप्ताहांत कर्फ्यू अगले आदेश तक हर हफ्ते लगेगा। डीडीएमए ने स्थिति की समीक्षा करने के बाद आज कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सभी मॉल, जिम, सभागार, मनोरंजन पार्क आदि 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे।
प्राधिकरण ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण रोजाना बढ़ रहा है और नए लोगों के संक्रमित होने की रफ्तार भी बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए सप्ताहांत पर कर्फ्यू लगाना लाजिमी हो गया था। सार्वजनिक इस्तेमाल के तमाम स्थान बंद कर दिए गए हैं और सिनेमाघर, थिएटर तथा मल्टीप्लेक्स को केवल 30 फीसदी क्षमता के साथ चलाने की इजाजत दी गई है। पूरे शहर में बाजार खुलने पर भी पाबंदी लगाई गई हैं। आदेश के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के तीनों नगर निगमों के तहत प्रत्येक क्षेत्र में केवल एक साप्ताहिक बाजार खुलेगा। लेकिन यह नहीं बताया गया है कि किस दिन कौन सा बाजार खुलेगा। इससे कारोबारी और दुकानदार असमंजस में पड़ गए हैं। डीडीएमए ने कहा कि नगर निगम के क्षेत्रीय उपायुक्त ही तय करेंगे कि किस दिन कौन सा बाजार खुलेगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि किसी खास दिन कोई खास बाजार खोलने का फैसला एकतरफा है। उन्होंने कहा कि इससे व्यापारियों और दुकानदारों में भ्रम फैल गया है मगर कोरोनावायरस पर अंकुश लगाने में यह ज्यादा कारगर नहीं होगा। खंडेलवाल ने कहा कि वायरस का प्रसार रोकने के लिए दिल्ली में 10 दिन के लिए लॉकडाउन लगाकर सब कुछ बंद कर दिया जाना चाहिए था।
यह भी स्पष्ट नहीं है कि कनॉट प्लेस या साउथ एक्सटेंशन जैसे बाजार सप्ताह के आम दिनों में खुलेंगे या नहीं। मगर रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के मुख्य कार्याधिकारी कुमार राजगोपालन ने कहा कि सप्ताहांत पर कर्फ्यू लगाने से खुदरा कारोबारियों के कारोबार को 40-45 फीसदी चोट पहुंचेगी। राजगोपालन ने कहा, ‘सप्ताहांत पर कारोबार में हुए नुकसान की भरपाई सप्ताह के आम दिनों में करना आसान नहीं होगा।’
अग्रणी मॉल कंपनियों ने सरकार के निर्णय पर तो कुछ नहीं कहा मगर सूत्रों ने बताया कि दो हफ्तों तक सब कुछ बंद रहने से उनकी माली हालत खराब हो जाएगी। पिछले साल जून में मॉल खुल गए थे, लेकिन दिल्ली के ज्यादातर मॉल में लोगों की आमद 70 फीसदी से भी कम रही है। कंज्यूमर ड्यूरेबल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का कहना है कि यदि हफ्ते के बाकी दिनों में स्टोर खुलते रहे तो उनके कारोबार पर ज्यादा असर नहीं होगा।