उत्तराखंड में वित्तीय संकट तेजी से पांव पसार रहा है। इसकी मुख्य वजह छठे वेतन आयोग को लागू किया जाना और वैश्विक आर्थिक मंदी है, जिस कारण राज्य सरकार पर लगभग दोहरी गाज गिरा रही है।
राज्य सरकार को छठे वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन और बकाया राशि के भुगतान के लिए 31 मार्च 2009 तक कुल 3500 करोड़ रुपये अदा करना है।
इस राशि ने राज्य सरकार पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार के पास 5600 करोड़ रुपये का ही कुल बजट है।
अधिकारियों ने बताया कि इस संकट से पार पाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 750 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बाजार ऋण की मांग की है।
हालांकि विशेषज्ञों ने भी आशंका जताई है कि राज्य सरकार द्वारा 60 फीसदी बकाया राशि के अदायगी के बाद 2009-10 में राज्य में वित्तीय संकट और बढ़ जाएगी।