दिल्ली के कारोबारियों को ट्रेड लाइसेंस शुल्क पर राहत मिल सकती है। दिल्ली के नगर निगमों ने इस शुल्क में 17 गुना तक बढोतरी की है। कोरोना से कारोबार को हो रहे नुकसान के बीच इस शुल्क बढ़ोतरी का कारोबारी विरोध कर रहे हैं। अब नगर निगम इस शुल्क बढोतरी को वापस लेने जा रहे हैं जिससे दिल्ली के 5 लाख से अधिक कारोबारियों को राहत मिलेगी।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। पिछले महीने सभी श्रेणियों के ट्रेड लाइसेंस व स्टोरेज लाइसेंस शुल्क में भारी वृद्धि की गई थी जिससे कारोबारियों की परेशानी और बढ़ती। आगे तीसरी लहर की संभावना में कारोबार को और नुकसान होने की आशंका है। लिहाजा निगम ने लाइसेंस शुल्क में जो वृद्धि की थी, उसे वापस लेने का निर्णय लिया है। उत्तरी नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस शुल्क वृद्धि वापसी को लेकर सैद्धांतिक तौर पर सहमति बन गई है। जल्द ही इस संबंध में अंतिम फैसला लिया जाएगा।
उत्तरी नगर निगम ने ए व बी श्रेणी में ट्रेड लाइसेंस शुल्क 500 रुपये से बढ़ाकर 8,625 रुपये, जबकि सी व डी श्रेणी में यह शुल्क 500 रुपये से बढ़ाकर 5,750 रुपये किया था। पूर्वी नगर निगम ने ए व बी श्रेणी में शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये और सी व डी श्रेणी में 200 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दिया था।
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने बताया कि कोरोना की दोनों लहर के कारण लगे लॉकडाउन से कारोबार को काफी नुकसान हुआ है। अब तीसरी लहर भी आने की आशंका है जिससे आगे भी कारोबार को नुकसान होगा। ऐसे में कारोबारियों को राहत देने की बजाय उन पर 17 गुना तक लाइसेंस शुल्क वृद्धि का बोझ डालना उचित नहीं है। कारोबारियों ने इस शुल्क वापसी के लिए निगम के महापौर व आला अधिकारियों से मांग की है। उम्मीद है कि जल्द ही शुल्क वृद्धि वापस हो जाएगी।
