कानपुर स्थित ऊनी कपड़े की मिल लाल इमली के हालात पुनरुद्धार पैकेज को औद्योगिक और वित्तीय पुनर्गठन ब्यूरो (बीआईएफआर) द्वारा मंजूरी न मिलने के कारण दिनों दिन बदतर होते जा रहे है।
बीआईएफआर ने केन्द्र सरकार के कपड़ा मंत्रालय के तहत ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन द्वारा संचालित की जाने वाली कानपुर वूलेन मिल (लाल इमली) और धारीवाल मिल का पुनरुद्धार के लिए 273 करोड़ रुपये के पैकेज देना निर्धारित किया है। यह पैकेज लंबे अर्से से केन्द्र सरकार की मंजूरी के इंतजार में अधर में लटका है।
बीआईसी के महा प्रबंधक (वित्त और लेखा) डी एस मिश्रा ने बताया कि इस प्रस्ताव की मंजूरी में अभी चार माह का समय और लगेगा। मिश्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस प्रस्ताव को प्रमुख औद्योगिक विशेषज्ञों के द्वारा जांचा-परखा जा रहा है। कोष की कमी के चलते कच्चा माल खरीद न पाने के कारण मिल पहले से मिले हुए आर्डर को पूरा नहीं कर पा रही है। मिल के कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन भी नहीं प्रदान किया गया है। इससे वे भी विरोध का मन बना चुके है।
कंपनी सचिव आर के मिश्रा ने कहा कि मिल के बदतर वित्तीय हालात की जानकारी से संबधित एक रिर्पोट केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय और बीआईसी के अध्यक्ष को भेजी जा चुकी है। खास बात यह है कि मिल ने नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन (एनटीसी) से पांच करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इस कर्ज में से 1.5 करोड़ रुपये पिछले माह वेतन न मिल पाने के कारण हड़ताल पर बैठे मिल के कर्मचारियों को बांट दिए गए है।
वैसे अब मिल के लगभग 2500 कर्मचारी काम पर वापस लौट आए है। लेकिन कच्चा माल उपलब्ध न होने के कारण मिल में कुल क्षमता को केवल 10 से 20 फीसदी उत्पादन किया जा रहा है। मिल प्रंबधन का कहना है कि वित्तीय हालात में बहुत बदलाव नहीं आया है। इससे कर्मचारियों को वेतन देने की समस्या फिर से उठ खड़ी होगी। अगर इस बार किसी तरह का कर्ज लेकर कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया जाता है तो कच्चा माल खरीदने के लिए शायद ही कुछ पैसा बचे।
लाल इमली के महाप्रंबधक मनोज कुमार वर्मा का कहना है कि हम सीमित संसाधनों में अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहें है। हमारा प्रयास है कि अपने खराब वित्तिय हालातों पर केन्द्रीय क पड़ा मंत्रालय का ध्यान खीच सकें। कानपुर की इन मिलों में मजदूर संघ के नेता राजू ठाकुर का कहना है कि केन्द्र सरकार को मिलों के घटते उत्पादन और मजदूरों के बीच बढ़ते असंतोष को देखते हुए प्रस्तावित पैकेज को जल्द से जल्द मंजूरी प्रदान करनी चाहिए।