मध्य प्रदेश में 35 के करीब छोटी-बड़ी रिफ्रैक्टरी (अग्निरोधी ईंट) विनिर्माण इकाइयों को कोयले की कीमत बढ़ने के लिए वित्तीय दबावों से दो-चार होना पड़ रहा है।
उद्योगों का आरोप है कि साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड (एसईसीएल) ने कई रिफैक्टरी के लिए कोयले की आपूर्ति रोक दी है। उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि इस कारण उन्हें दूसरे विकल्पों के जरिए महंगा कोयला खरीदना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश रिफैक्टरी विनिर्माण एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद गुगालिया ने बताया कि प्रत्येक इकाइयों को हर महीने कम के कम 150 टन कोयले की जरुरत होती है। एसईसीएल ने कोयले की आपूर्ति रोक दी है और इकाइयां नीलामी के जरिए कोयला खरीद रही हैं।
एसईसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘नई नीति के तहत यदि किसी इकाई ने 12 महीने के अंदर स्टॉक नहीं उठाया तो एसईसीएल कोयले की आपूर्ति को रोक सकती है। यदि 36 महीने तक स्टॉक को नहीं उठाया गया तो लिंकेज को रद्द किया जा सकता है।