आखिरकार छत्तीसगढ़ में छठे वित्तीय आयोग की सिफारिशों को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है।
चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को अनुमति दे दी है कि वह 1 अप्रैल से राज्य कर्मचारियों के लिए वित्तीय आयोग की सिफारिशें लागू कर सके।
इसके पहले चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के मद्देनजर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर चुनाव पूरा होने तक रोक लगा दी थी। इससे राज्य के 2,50,000 कर्मचारियों को इस तोहफे के लिए इंतजार करना पड़ता।
छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल ने 2 मार्च को ही फैसला किया था कि राज्य कर्मियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलने लगेगा। इससे राज्य सरकार पर एरियर के रूप में 2,700 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ आएगा। यह एरियर जनवरी 2006 से अगस्त 2008 के बीच की अवधि का होगा।
इस एरियर का भुगतान राज्य सरकार अगले तीन सालों में करेगी, जबकि वेतन आयोग की सिफारिशों के उनसार बढ़े हुए स्केल पर नकद भुगतान सितंबर 2008 से किया जाना है। हालांकि, कर्मचारियों को यह बढ़ा हुआ स्केल अप्रैल 2009 से लागू होगा।
आचार संहिता लागू हो जाने से राज्य सरकार इस बारे में औपचारिक आदेश जारी नहीं कर पाई थी। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इस बाबत चुनाव आयोग से इजाजत मांगने के लिए 19 मार्च को एक आवेदन भेजा था।
वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बारे में वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय सिंह ने पहले ही कहा था कि राज्य सरकार ने इस सिलसिले में सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और जैसे ही चुनाव आयोग की ओर से अनुमति मिल जाती है तो इस बारे में आदेश जारी कर दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि अब जब मंजूरी दी जा चुकी है तो एक या दो दिनों में आदेश जारी कर दिया जाएगा।
