उत्तराखंड में गन्ना किसानों की देय राशि वसूल करने के लिए राज्य सरकार ने हरिद्वार स्थित उत्तम चीनी मिल के गोदामों को सील कर दिया है और मिल मालिक से जल्द से जल्द बकाया राशि चुकाने को कहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जिले के लिबरहेड़ी क्षेत्र में स्थित उत्तम चीनी मिल के गोमाद को सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेतृत्व में 52 दिन पुराने किसान आंदोलन को भी वापस बुला लिया गया है। मालूम हो कि उत्तम चीनी मिल के पास 12 करोड़ रुपये बकाया है।
राज्य की अन्य 9 मिलों ने बकाया राशि का निपटान कर दिया है। राज्य भर में 10 चीनी मिल हैं, जिनमें से 6 चीनी मिल सरकारी और सहकारी नेतृत्व वाली हैं जबकि 4 मिलें निजी क्षेत्र की हैं। शुरुआत में विभाग ने उत्तम चीनी मिल के खिलाफ एक आरसी जारी की थी लेकिन मिल किसानों की बकाया राशि को चुकाने में विफल रही।
मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने इस महीने के शुरू में किसानों की बकाया राशि चुकता करने के लिए 56.3 करोड रुपये पैकेज की घोषणा की थी। उसके बाद बाकी बची 9 मिलों में से ज्यादातर मिल मालिकों ने बकाया राशि चुका दी।
सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में जारी आदेश के बाद खंडूड़ी ने राहत पैकेज की घोषणा की थी। सुप्रीम कोर्ट ने गन्ने के लिए अंतरिम मूल्य के रूप में 110 रुपये प्रति क्विंटल स्थापित किया था। मालूम हो कि पिछले साल सरकार ने गन्ना किसानों की बकाया राशि को चुकाने के लिए 72 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया था। इसी बीच सरकार ने संभवत: नवंबर में शुरू होने वाले पेराई मौसम के लिए राज्य समर्थित मूल्य (सैप) को ठीक करने के लिए एक समिति भी गठित की है।