मुस्कराइए कि आप लखनऊ में हैं…यह साइनबोर्ड तहजीब की नगरी लखनऊ में आपको न नजर आए, ऐसा होना जरा मुश्किल है।
अब लखनऊ में मुस्कराने की एक और वजह होने वाली है, और वह यहां से मेट्रो की शुरुआत होने की खबर। मेट्रो का यह जाल यहां से शुरू होकर सूबे के सात शहरों तक फैलाया जाएगा।
कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू के बाद अब लखनऊ में बिछने वाले इस आकर्षक जाल की बाबत जानकारी बिजनेस स्टैंडर्ड को उत्तरप्रदेश के शहरी और आवासीय मामलों केमुख्य सचिव शंकर अग्रवाल ने दी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीआरएमसी) ने भी लखनऊ में मेट्रो का जाल बिछाने को लेकर हरी झंडी दे दी है। वैसे इस मेट्रो परियोजना के लिए जिन सात शहरों को चिन्हित किया गया है, उनमें लखनऊ के अलावा कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, वाराणसी, मेरठ और गाजियाबाद को शामिल किया गया है।
हालांकि इससे जुड़ी विस्तृत रपट बाद में तैयार की जाएगी। शहरी नियोजन और आवासीय विभाग ही इस प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी है। जबकि उसने इस परियोजना की विस्तृत कार्ययोजना बनाने का दायित्व डीएमआरसी को सौंपा है।
उम्मीद है कि यह रपट डीएमआरसी अगले तीन महीने में विभाग को सौंप देगी। अग्रवाल ने बताया कि एक बार तकनीकी और वित्तीय लिहाज से प्रोजेक्ट की व्यावहारिकता परख लेने के बाद डीएमआरसी की ही तर्ज पर एक स्पेशल पर्पज व्हीकल का गठन किया जाएगा।
उनके अनुसार, दरअसल यह एक कंपनी ही होगी, जो डीएमआरसी की तरह ही काम करेगी और परियोजनाओं को अंजाम देने के लिए इसमें निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों की भागीदारी होगी।
फिलहाल लखनऊ की आबादी 22.46 लाख है जबकि 2021 तक इसके 45 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। यहां इस समय 10 लाख के आसपास गाड़ियां हैं और यही ट्रैफिक जाम की वजह बताई जाती है। यही हाल राज्य के कई अन्य शहरों की है, जहां की आबादी 20 से 25 लाख के बीच है। आंकडों पर जाएं तो राज्य में शहरों की औसत आबादी भी यही है।
इन शहरों की जनसंख्या अगले 20 सालों में 40 से 50 लाख होने का अनुमान है। राज्य सरकार के अनुसार इस मद पर सरकार का काफी खर्च हो रहा है,इसलिए यातायात की पूरी व्यवस्था को बदलने की जरूरत है।
योजना के मुताबिक पूरे राज्य को दो मेट्रो कॉरिडोरों में बांटा जाएगा, जबकि हर कॉरिडोर में दो खंड होंगे। उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम में ये दोनों कॉरिडोर फैले होंगे। पहला खंड अमौसी हवाई अड्डे से कुर्सी तक जबकि दूसरा बाड़ा इमामबाड़ा से सुल्तानपुर रोड तक फैला होगा।
तीसरा खंड हजरतगंज से फैजाबाद रोड तक जबकि चौथा खंड पीजीआई हॉस्पीटल से राजाजीपुरम तक होगा। इस पर प्रति किलोमीटर 200 से 250 करोड़ खर्च का अनुमान है।