मंदी क ा सीधा असर देश के विमानन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास पर पड़ रहा है। देश भर में एयरपोर्ट के विकास की गति इस मंदी की वजह से धीमी हो गई है।
16 गैर-मेट्रो एयरपोर्ट में से नौ पर टर्मिनल और एयरपोर्ट के इर्द-गिर्द जो विकास की बात की जा रही थी, उसे पूरा होने में एक साल तक की देरी हो सकती है। इसे दिसंबर 2008 तक पूरा होना था। इस विकास प्रक्रिया में टर्मिनल का निर्माण, एप्रॉन और टैक्सीवे का निर्माण और विक ास आदि शामिल है।
भारतीय उड्डयन प्राधिकरण (एएआई) के अधिकारियों के मुताबिक, अहमदाबाद, अमृतसर, तिरुवनंतपुरम, मंगलोर, खजुराहो, वाराणसी, देहरादून, इम्फाल और पुणे में प्रस्तावित विकास प्रक्रिया में एक साल तक की देरी हो सकती है। एयरपोर्ट पर बुनियादी ढांचा का विकास और विस्तार की जिम्मेदारी एएआई के पास ही है।
इसी क्रम में उदयपुर (काम लगभग पूरा हो गया है), जयपुर, औरंगाबाद, नागपुर, विशाखापट्टनम, त्रिची और गुवाहाटी पर उड्डयन बुनियादी ढांचा का निर्माण इस साल के अंत तक होगा।
एएआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘नौ एयरपोर्टों पर निर्माण और विस्तार का काम मार्च 2009 से पहले संभव नहीं है।’ इन 16 एयरपोर्टों के आधुनिकीकरण पर एएआई 1840 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इन व्यय में टर्मिनल के निर्माण और आधुनिकीकरण पर ही 1360 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत एयरपोर्ट बुनियादी ढांचा के विकास के मद में खर्च के लिए 12434 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे एयर ट्रैफिक में हो रही गिरावट पर कोई असर नही होगा। चालू वर्ष के सितंबर माह में पिछले साल के मुकाबले घरेलू एयर टैरिफ में 20 फीसदी की कमी आ गई है।
इस संबंध में एएआई ही एकमात्र संस्था नहीं है, जिसे मंदी की मार झेलनी पड़ रही है। उड़ानों की संख्या में हो रही कमी और इसके परिणामस्वरूप यात्रियों की घट रही संख्या की वजह से दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) पर घरेलू टर्मिनल 1 डी के विकास में भी एक साल की देरी हो रही है। यह निर्माण कार्य जीएमआर संघ के जिम्मे है।
टर्मिनल और एयरसाइड विकास के अलावा, गैर-मेट्रो शहर में एयरपोर्ट बुनियादी ढांचा के विकास का काम एएआई द्वारा निजी कंपनियों को दिया गया था, लेकिन इस प्रक्रिया पर अभी कोई काम नहीं हो पा रहा है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सदन की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर स्थायी समिति के अध्यक्ष सीताराम येचुरी ने अंतर मंत्रालयीय कमिटी पर यह आरोप लगाया कि बुनियादी ढांचा पर समिति (सीओआई) पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में जो कमिटी बनी थी, उसके द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है।
अधिकारी का कहना है, ‘पिछले छह माह से गैर मेट्रो शहर में एयरपोर्ट विकास की प्रक्रिया रुकी हुई है।’ स्थायी समिति ने यह आरोप लगाया कि कार्गो कॉम्प्लेक्स, होटल और फ्लाइट किचेन के निर्माण के अलावा निजी कंपनियों से यह भी कहा गया था कि वाणिज्यिक परिचालन और टर्मिनल निर्माण के रख-रखाव का भी ध्यान रखें, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। इससे एएआई को बड़े राजस्व का घाटा उठाना पड़ सकता है।
इस कमिटी ने अपने रिपोर्ट में कहा है, ‘कमिटी यह महसूस करती है कि बुनियादी ढांचा पर बनी कमिटी के निर्णय को सही से पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए कमिटी इस बात की अनुशंसा करती है कि एयरपोर्ट के आसपास हुए विकास का वाणिज्यिक इस्तेमाल एएआई के जिम्मे हो।’ मालूम हो कि एयरपोर्ट के आसपास वाणिज्यिक गतिविधियों से बड़ी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है और अगर यह एएआई को मिलती है, तो इस आमदनी से आगे भी विकास कार्य जारी रहेगा।