एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने गुरुवार को राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य के नए उप मुख्यमंत्री होंगे। इसके पहले फडणवीस ने शिंदे सरकार में शामिल नहीं होने का ऐलान किया था। लेकिन भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर फडणवीस उपमुख्यमंत्री पद लेने को तैयार हो गए।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शाम 7.30 बजे शिंदे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने भाजपा नेता फडणवीस को उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा। इसके पहले फडणवीस ने चौंकाने वाला ऐलान करते हुए कहा था कि शिंदे महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री होंगे और भाजपा उनकी सरकार को समर्थन देगी। वह शिंदे सरकार में शामिल नहीं होंगे। लेकिन थोड़ी देर बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया है कि फडणवीस उप मुख्यमंत्री बनेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस पर मुहर लगाई।
नड्डा ने फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि आज साबित हो गया कि भाजपा के मन में मुख्यमंत्री पद की लालसा नहीं थी। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के कहने पर फडणवीस ने बड़ा मन दिखाते हुए महाराष्ट्र और जनता के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह निर्णय राज्य के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा व सेवाभाव का परिचायक है।
उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के पहले राजभवन में पत्रकारों से फडणवीस ने कहा था कि भाजपा शिंदे गुट को अपना समर्थन देगी। भाजपा महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ा दल है, जिसके 106 विधायक हैं। फडणवीस ने कहा,’ मैं सरकार से बाहर रहूंगा, हालांकि, सरकार का सुचारु रूप से संचालन सुनिश्चित करूंगा जो उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद विकल्प के तौर पर सामने आई है। मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान शिवसेना के बागी विधायक और भाजपा विधायकों के अलावा कुछ निर्दलीय विधायक मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। यह लड़ाई सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांतों और हिंदुत्व की विचारधारा के लिए है।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा राज्य पर मध्यावधि चुनाव थोपने के खिलाफ थी। शिवसेना के पदाधिकारियों में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करने के चलते रोष था क्योंकि यह कथित तौर पर 2019 विधानसभा चुनाव के जनमत का अपमान था। भाजपा और शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया, जिनके खिलाफ बाल ठाकरे पूरी जिंदगी लड़ते रहे। महा विकास आघाडी गठबंधन भ्रष्ट था और उसके दो मंत्री भ्रष्टाचार और धनशोधन मामले में जेल में हैं।
कांग्रेस के हाथ से फिसला एक और राज्य
चुनावी हार और दरकते जनाधार के बीच अब तक सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। महाराष्ट्र की सत्ता से महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की विदाई के रूप में कांग्रेस को नया झटका लगा है।
हाल ही में उदयपुर चिंतन शिविर के दौरान संगठन के भीतर ‘बड़े सुधारों’ की घोषणा के बाद से नेताओं का पलायन नहीं थमा और इस बीच, शिवसेना के भीतर बगावत के कारण महाराष्ट्र के घटनाक्रम ने कांग्रेस की भागीदारी वाली सरकार का पटाक्षेप कर दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। अब कांग्रेस की राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार है तो झारखंड में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कनिष्ठ सहयोगी के रूप में सत्ता की भागीदार है। तमिलनाडु में भी वह सत्तारूढ़ द्रमुक की कनिष्ठ सहयोगी की भूमिका में है। कांग्रेस ने इस साल कुछ महीने पहले पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद इस महत्त्वपूर्ण राज्य की सत्ता को गंवा दिया । इस साल कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में भी निराशा हाथ लगी थी।
कांग्रेस के लिए एक और बड़ी चुनौती नेताओं का पार्टी छोड़ना भी है। हाल ही में हार्दिक पटेल और सुनील जाखड़ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कहा था। उनसे पहले जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थामा था और वह फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
महाराष्ट्र तीसरा बड़ा राज्य जहां भाजपा ने पलटी बाजी
महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के पतन के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे का नेतृत्व स्वीकार करते हुए उनकी आगुवाई वाली सरकार को समर्थन देने का चौंकाने वाला फैसला किया है। नई सरकार के गठन के साथ ही कर्नाटक और मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र तीसरा बड़ा राज्य हो जाएगा, जहां चुनावों में सरकार बनाने में विफल होने के बावजूद सत्ता की ‘बाजी पलटने’ में केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा सफल रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार देश की कमान संभालने के बाद यह पहला मौका होगा, जब देश के कुल 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में से भाजपा अब 16 राज्यों महाराष्ट्र (सहित) और एक केंद्रशासित प्रदेश में सीधे या फिर सहयोगियों के साथ सत्ता में होगी। गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा की अपनी सरकारें हैं। बिहार, नगालैंड, मेघालय और पुदुचेरी में भाजपा प्रमुख सहयोगी दल की भूमिका निभा रही है। इस कड़ी में अब नया नाम महाराष्ट्र का जुड़ गया है। भाजपा आज जिन 12 राज्यों में अपने बूते सरकार में हैं, उनमें कर्नाटक और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां वह विरोधी दलों की सरकार पलटने के बाद सत्ता में काबिज हुई है। भाषा