महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के बाढ़ पीड़ित लोगों की सहायता के लिए 11,500 करोड़ रुपये का एलान किया है। बारिश और बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने तथा बाढ़ में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत में यह राशि खर्च की जाएगी। हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में आई भीषण बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। राज्य की जनता लगातार सरकार से मुआवजे की मांग कर रही थी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया है कि तत्काल राहत के अलावा 11,500 करोड़ रुपये के पैकेज का एक हिस्सा मरम्मत कार्यों और बाढ़ की रोकथाम तथा इसके खतरे को कम करने से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए कुछ दीर्घकालिक उपाय करने पर खर्च किया जाएगा। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के समक्ष हाल में आई बाढ़ और भारी बारिश के संबंध में एक रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने वित्तीय सहायता को मंजूरी दी। रायगड, रत्नागिरि, सतारा, सांगली और कोल्हापुर जैसे जिले 21 से 23 जुलाई तक भारी वर्षा और बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए थे। भूस्खलन जैसी वर्षा जनित घटनाओं में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और दो लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए।
भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में मुख्यमंत्री का दौरा लगातार जारी है। हर जगह जनता मदद की गुहार लगा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में बाढ़ संकट का स्थायी समाधान निकालने और इस संबंध में कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने सोमवार को कहा था कि राज्य को जुलाई के आखिर में भारी वर्षा, बाढ़ एवं भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों एवं पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 2,244 करोड़ रुपये की जरूरत है। चव्हाण ने खासकर तटीय कोंकण क्षेत्र एवं पश्चिमी महाराष्ट्र में वर्षा एवं बाढ़ से सड़कों को हुए नुकसान की समीक्षा की। उनके कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य को उन सड़कों, पुलों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के लिए 2,244 करोड़ रुपये की जरूरत है, जो जुलाई के आखिरी सप्ताह में अत्यधिक वर्षा से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।