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मुंबई में जायदाद की रिकॉर्डतोड़ रजिस्ट्री

Last Updated- December 12, 2022 | 2:16 AM IST

मुंबई शहर और उसके आसपास के इलाकों में इस साल जुलाई में (30 जुलाई की दोपहर तक) 9,037 संपत्तियों का निबंधन (रजिस्ट्री) कराया गया। पिछले एक दशक में किसी भी महीने में इतनी अधिक रजिस्ट्री नहीं हुई हैं। संपत्ति की रजिस्ट्री में तेजी का अहम कारण सरकार द्वारा निबंधन में दी गई मोहलत है, जो 31 जुलाई को खत्म हो रही है।
नाइट फ्रैंक के अनुसार इस बार जुलाई में संपत्ति की रजिस्ट्री पिछले साल जुलाई के मुकाबले करीब 239 फीसदी अधिक रही। जुलाई 2020 में 2,662 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई थी। कोविड से पहले की बात करें तो जुलाई 2019 की तुलना में इस बार जुलाई में संपत्ति रजिस्ट्री 57 फीसदी बढ़ी है।
महाराष्ट्र सरकार ने दिसंबर 2020 में मकान खरीदारों को स्टांप शुल्क चुकाने के बाद संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए पूरे चार महीने की मोहलत दी थी। इस कदम का मकसद निबंधन कार्यालयों में भीड़भाड़ कम रखना था। आम तौर पर संपत्ति को खरीद के तीन महीने के भीतर रजिस्टर कराना होता है। मगर सरकार ने 31 मार्च, 2021 से पहले मकान खरीदने और स्टांप शुल्क चुकाने वालों को रजिस्ट्री के लिए पूरे चार महीने दे दिए थे। यह मोहलत 31 जुलाई को खत्म हो रही है।
इस रियायत से पहले 95 फीसदी रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क भुगतान तथा रजिस्ट्री के बीच अंतर 10 दिन से भी कम था। 2 फीसदी से कम मामलों में ही अंतर 30 दिन या उससे अधिक था।
नाइट फ्रैंक ने कहा कि जुलाई में 53 फीसदी रजिस्ट्री इसी महीने खरीदी गई नई आवासीय संपत्तियों की हुईं। आंकड़ा इसी साल जून के मुकाबले 42 फीसदी और मई के मुकाबले 29 फीसदी अधिक है। इस महीने 30 जुलाई (दिन के 12 बजे तक) तक 4,824 नई संपत्तियों की रजिस्ट्री कराई गई। जुलाई में नए अपार्टमेंट की बिक्री जून के 3,300 अपार्टमेंट की तुलना में 45 फीसदी अधिक रही। मई में 1,554 अपार्टमेंट और अप्रैल में 710 अपार्टमेंट बेचे गए थे। जुलाई 2021 में संपत्तियों की रजिस्ट्री पिछले एक दशक में सबसे अधिक रही, जिनमें आधे से अधिक नई संपत्तियां थीं।
8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं के नाम मकान खरीदे जाने पर स्टांप शुल्क में 1 फीसदी छूट की घोषणा की थी, जो 1 अप्रैल से प्रभावी हुई थी। परिणामस्वरूप अप्रैल में नए मकानों की बिक्री में महिला खरीदारों की हिस्सेदारी 6.6 फीसदी थी और उन्हें केवल मकान की कीमत की केवल 4 फीसदी राशि बतौर स्टांप शुल्क देनी पड़ी। मई में महिला खरीदारों की हिस्सेदारी घटकर 1.7 फीसदी रह गई और जून में यह 4.7 फीसदी तथा जुलाई में करीब 3 फीसदी रही।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘जुलाई में नई संपत्तियों की रजिस्ट्री पिछले कुछ महीनों की तुलना में ज्यादा रही। इससे पता चलता है कि नए मकानों की मांग बरकरार है। सरकार ने महिला खरीदारों को स्टांप शुल्क में 1 फीसदी छूट देने की घोषणा की थी, लेकिन महिला खरीदारों की संख्या ज्यादा नहीं बढ़ी। हमें लगता है कि महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए आगे और प्रोत्साहन देने की जरूरत है।’

First Published - July 30, 2021 | 11:22 PM IST

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