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मंदी छाई तो पुरानी योजनाओं में सुविधाएं बढ़ाई

Last Updated- December 07, 2022 | 9:41 AM IST

रियल एस्टेट में मंदी के कारण अब डेवलपर कंपनियां पुरानी योजनाओं में फैसिलिटी मैनेजमेंट  को अपना कर अपनी साख को बचाए रखने का प्रयास कर रहीं है।

फैसिलिटी मैनेजमेंट के तहत डेवलपर अपनी पुरानी योजनाओं के उपभोक्ताओं  को  उपलब्ध बिजली, सड़क, पानी ,प्लम्बिंग जैसी बुनियादी सुविधाओं के उचित रखरखाव के लिए प्रंबधन व निवेश करते है।

ऐसा करके  एक तरफ वे मंदी के इस मौसम में अपने पुराने ग्राहक को अच्छी और विश्वसनीय सुविधाएं मुहैया कराकर अपनी साख को मजबूत करते है। साथ ही आने वाली योजनाओं के लिए ग्राहकों का विश्वास भी अर्जित करते हैं।

श्रीगु्रप प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुदीप अग्रवाल कहते है कि निश्चित तौर पर फैसिलिटी मैनेजमेंट कंपनी की आगामी योजनाओं के लिए प्लेटफार्म तैयार करने वाली एक अच्छी विपणन रणनीति हो सकती है।

कई कंपनियां तो अपनी योजनाओं में फैसिलिटी मैनेजमेंट के तौर पर चार्ज नहीं ले रही है लेकिन कुछ कंपनियां प्रति माह कुछ शुल्क ले रही हैं।

रियल एस्टेट विश्लेषक विजय गुप्ता का मानना है कि फैसिलिटी मैनेजमेंट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आज कल कंपनियां या तो अपने संगठन के भीतर ही अलग से कंपनी का निर्माण कर रही है या फैसिलिटी मैनेजमेंट उपलब्ध कराने वाली कंपनियों से समझौता किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर इन सुविधाओं के लिए आउट सोर्सिंग का सहारा भी लिया जा रहा है।

पर्ल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लिमिटेड के विपणन प्रमुख संजय माथुर का कहना है कि  अब ज्यादातर रियल एस्टेट कंपनियां अपनी योजनाओं में फैसिलिटी मैनेजमेंट के लिए अपनी सहायक कंपनियों की सेवाएं ले रही हैं। क्योकि अगर फैसिलिटी मैनेजमेंट उपलब्ध कराने वाली कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो इसका  मुख्य कंपनी की साख पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

First Published - July 6, 2008 | 11:07 PM IST

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