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रियल एस्टेट कंपनियां चलीं छोटे शहर की ओर

Last Updated- December 08, 2022 | 12:01 AM IST

रिजर्व बैंक द्वारा नकद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 1.5 प्रतिशत की कमी किए जाने के बाद दिल्ली की रियल्टी कंपनियों की बांछे खिल गई हैं।


दिल्ली की ज्यादातर रियल्टी कंपनियां मथुरा, आगरा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, अलीगढ़, इंदौर, ग्वालियर, लखनऊ जैसे दूसरे और तीसरी श्रेणी के शहरों में अपनी योजनाओं का विस्तार करने और कुछ नई योजनाओं को शुरू करने के लिए तैयार है।

इन कंपनियों के निदेशकों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान पर पहुंचने के बाद मांग न होने से रियल्टी सेक्टर पहले से ही हलकान है।
ऐसे में टीयर 2 -3 शहरों में 20 से 40 लाख रुपये के मकानों की अच्छी मांग है।

साथ ही सीआरआर के कम होने से बाजार में नकदी भी बढ़ी है और कर्ज भी उपलब्ध है। इसके अलावा बढ़ी हुई लागत भी दो-तीन महीनों की ही मेहमान है। इसलिए  टीयर 2 -3 शहरों के  उच्च वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग को लक्ष्य करके नई परियोजनाओं को शुरू करना रियल्टी कंपनियों के लिए एक अच्छा कदम हो सकता है।

दिल्ली के एसोटेक ग्रुप के कार्पोरेट उपाध्यक्ष राजीव राय का कहना है, ‘देखा जाए तो वाणिज्यिक योजनाओं के लिए डेवलपर्स कंपनियों को ऋण की जरूरत होती है। रिहायशी योजनाएं तो एडवांस बुकिंग के जरिये ही चलती है। टायर 2-3 शहरों में वाणिज्यिक प्रॉपटी की मांग बढ़ती जा रही है। प्रॉपटी में निवेश के लिहाज से यह सबसे उपयुक्त समय है।’

सीएचडी डेवलपर्स के सीएमडी आर के मित्तल का कहना है, ‘टीयर 2-3 शहरों में लोगों की आय बढ़ी है और साथ ही कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां इन शहरों में पहुंच रही हैं। मेट्रो शहरों के लोग भी इन शहरों में प्रॉपर्टी खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यहां प्रॉपर्टी की मांग में निरंतर बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है। ऐसे में इन शहरों में रिहायशी और वाणिज्यिक योजनाओं के लिए में निवेश करने का यह सबसे अच्छा समय है। ‘

एसआरएस  ग्रुप के सीएमडी अनिल जिंदल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘टीयर 2-3 शहरों में मेट्रो शहरों की अपेक्षा लागत कम और मांग ज्यादा होने के कारण रियल्टी कंपनियों को मार्जिन भी ज्यादा मिल सकता है। ऐसे में उपभोक्ता को अच्छी गुणवत्ता के मकान आसानी से उपलब्ध कराए जा सकते है। मांग बढ़ने के साथ ही निवेशकों का ध्यान भी रियल्टी में निवेश की ओर खींचा जा सकता है। सीआरआर में कमी होने से साफ पता चलता है कि कुछ दिनों बाद ही रियल एस्टेट सेक्टर अपने पुराने रंग में आ जाएगा।’

टीडीआई डेवलपर्स के कुणाल बनर्जी का कहना है, ‘इस समय सीमेंट और सरिया की कीमतें कम हो चुकी हैं। लागत में कुछ कमी आई है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में भी कीमतों में सुधार आना शुरु हो चुका है।’

छोटे शहर का टूर

दिल्ली की रियल्टी कंपनियां टीयर 2 और 3 शहरों में विस्तार करने को तैयार
सीआरआर कम होने से इन शहरों में निवेश की संभावनाएं बढ़ीं
इन शहरों में 20 से 40 लाख रुपये के मकानों की अच्छी मांग

First Published - October 14, 2008 | 10:06 PM IST

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