मुंबई महानगर पालिका(मनपा) ने शहर के नरीमन पॉइंट इलाके और कुछ अन्य क्षेत्रों में स्थित इमारतों पर संपत्ति कर बढ़ा दिया है।
बढ़ा हुआ संपत्ति कर इन इलाकों में मौजूद वैश्विक निवेश बैंकों, वाणिज्यिक बैंकों, वाणिज्य दूतावासों और अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों से वसूला जाएगा। मनपा का यह फैसला अब मकान मालिकों को अपने किराएदारों से अधिक किराया वसूलने पर मजबूर कर सकता है।
डालामल टावर में ऑफिस चलाने वाले शरण खन्ना के मुताबिक कुछ मामलों में तो मकान मालिकों को प्रति वर्ग फुट 250 रुपये तक कर चुकाने को कहा गया है, जहां एक साल पहले उनसे इसके लिए महज 16 से 32 रुपये प्रति वर्ग फुट ही वसूले जाते थे।
नरीमन पॉइंट इलाके में जिन सोसाइटियों को अधिक कर चुकाने का नोटिस दिया गया है उनमें डालामल टावर, मेकर चैंबर 5, मित्तल कोर्ट, बजाज भवन, साखर भवन और जॉली मेकर चैंबर-2 शामिल हैं। मनपा में कर मूल्यांकनकर्ता और संग्रहणकर्ता भीमाशंकर अंबरजी ने बताया, ‘किसी संपत्ति के वसूली मूल्य में क्यों बदलाव किया गया है, इस बारे में इतनी जल्दी कुछ कह पाना मुश्किल है। जब तक मैं संपत्ति के कागजात की जांच नहीं कर लेता हूं तब तक इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।’
उन्होंने बताया कि दरें बदलने की वजह का जिक्र नोटिस में किया गया है। ये नोटिस संपत्ति के मालिकों को भेजे गए हैं। मनपा देश की सबसे अमीर नगर पालिकाओं में से एक है। नगर पालिका ने इस नए कानून को तैयार करने के लिए महाराष्ट्र किराया नियंत्रण कानून की धारा 3 आईबी का सहारा लिया है।
इस धारा के तहत उस संपत्ति को इस कानून से अलग रखा गया है जो 1 करोड़ रुपये से अधिक की चुकता पूंजी वाली कंपनियों, बैंकों, वित्तीय कंपनियों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों को लीज पर दी गई हैं। उदाहरण के लिए डालामल टावर को 31 मार्च 2009 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए 17.14 करोड़ रुपये की कर अदायगी का नोटिस भेजा गया है जबकि उसके पिछले वित्त वर्ष के लिए यह कर 1.59 करोड़ रुपये का था।
नरीमन पॉइंट इलाके में ही एक और प्रमुख इमारत मित्तल कोर्ट को पिछले वित्त वर्ष के लिए 19.18 करोड़ रुपये कर चुकाने का नोटिस भेजा गया है जबकि उसके पहले वाले वर्ष के लिए यह कर 2.86 करोड़ रुपये का था। मकान मालिक इस तरीके से कर बढ़ाए जाने को लेकर काफी नाराज हैं।
डालामल टावर के एक सदस्य रमेश रामचंदानी ने कहा, ‘यह फैसला गैर कानूनी है।’ उन्होंने कहा कि इस फैसले के विरोध में असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा। सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि संपत्ति कर बढ़ाने का फैसला ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र के विधायकों ने सरकार के उस फैसले को अपनी मंजूरी दे दी है जिसमें संपत्ति कर प्रणाली को तर्कसंगत बनाने का आदेश दिया गया था।
ऐसा आदेश इस वजह से दिया गया था ताकि मकान मालिकों पर संपत्ति कर का अत्यधिक बोझ न पड़े। मुंबई में प्रॉपर्टी लेसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र मेहता ने बताया, ‘अगर मनपा का कर, संपत्ति के वास्तविक किराए पर निकाला जाए तो वसूली मूल्य पर कर की दर 112.5 फीसदी होगी जो बहुत अधिक है।’
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक संपत्तियों के लिए कर की दर 112.5 फीसदी नहीं हो सकती क्योंकि ऐसा करने पर यह रकम उस किराए से भी ज्यादा हो जाएगी जो मकान मालिक किराएदारों से वसूलते हैं।
नरीमन पॉइंट इलाके में लीज पर दी गई संपत्ति पर कर बढ़ाने का फैसला
मुंबई महानगर पालिका के इस फैसले के बाद मकान मालिक बढ़ा सकते हैं किराया
नया कानून के हिसाब से किराए से भी ज्यादा हो जाएगा संपत्ति पर वसूला जाने वाला कर
