उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य मानकों के सुधार के लिए सरकार ने सार्वजनिक निजी समझौते (पीपीपी) में आने की राह पकड़ी है।
इस समझौते के अंतर्गत जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बुनियादी ढंचे को मजबूत किया जाएगा। यह पीपीपी समझौता अगले 33 सालों के लिए किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि ऐसा करके राज्य की जनता को भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों पर आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को दिया जा सकेगा। इसके लिए सरकार ने विगत 20 दिसंबर को लखनऊ में एक बोली का भी आयोजन किया था।
सरकार के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि बोली के आधार पर इस योजना के सफल होने की संभावनाएं नजर आ रही है। जबकि राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए योग्यता आवेदनपत्र मंगाया है।
सरकार के इस प्रयास का नेतृत्व राज्य की परिवार कल्याण सेवा एजेंसी (एसआईएफपीएस) कर रही है। सरकार इसके पहले चीनी उद्योग, परिवहन, बिजली और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में पीपीपी मॉडल को अपना चुकी है।